बिहार के तमाम बड़े नेता राजनीति की बिसात पर बिछी बाजी जीतने के लिए खूब माथापच्ची कर रहे हैं और फूंक-फूंककर मोहरे रख रहे हैं. पेश है 'बिहार डायरी बिफोर इलेक्शन' की 15वीं किस्त...
लालू तस्वीरों में हताश दिख रहे हैं. सिद्दीकी के बाद अब रामकृपाल के विद्रोह ने लालू को अंदर से तोड़कर रख दिया है. सिद्दीकी ने जबरन मधुबनी सीट झटक ली और वे लालू के लिए आजम खान बन गए हैं.
लालू की चिंता है कि पार्टी में कोई निगोशिएटर नहीं बचा. रघुवंश बाबू अच्छे नेता हैं, लेकिन वाचाल हैं, निगोशियेटर नहीं. जय प्रकाश ‘अनुयायी’ किस्म के हैं. रामकृपाल हालांकि ‘लाउड’ थे, लेकिन ‘लॉयल’ थे, जिसकी मिसालें दी जाती थीं. बाकी लालू ने कुछ ऐसे नेताओं को टिकट दिया है, जो नामचीन नहीं हैं और जिन्हें शायद वित्तीय वजहों से टिकट दिया है. मधेपुरा में लालू, पप्पू को टिकट देना चाहते हैं, जो दिखाता है कि दोनों झुके हैं और कमजोर हुए हैं.
पासवान के पाला बदलने से लालू का वो अतिरिक्त आत्मविश्वास जमीन पर आ चुका है, जो कुछ दिन पहले तक दिखता था. हालांकि अभी भी 40x50 वर्ग किलोमीटर के लोकसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने लायक कद्दावर उम्मीदवार या तो लालू के पास हैं या बीजेपी के पास. नीतीश कुमार ने पिछले लोकसभा चुनाव में बौनों को जगह दी थी, ताकि कोई उनके खिलाफ आवाज न उठा सके. अब उसका खामियाजा सुशासन बाबू को भुगतना पड़ रहा है. गाढ़े वक्त में सिपाही ही कमजोर मिल रहे हैं. रही बात लालू और कांग्रेस के गठजोड़ की, तो लालू नहीं चाहते कि कांग्रेसियों के साथ मंच साझा करे. लालू को भय है कि कांग्रेसी नेताओं को देखकर जनता को 2जी घोटाला याद आ जाएगा और बीजेपी वाले ये भी याद दिला देंगे कि कांग्रेसियों ने महान यदुवंशी संत बाबा रामदेव का अपमान किया था...
अब लालू कह रहे हैं कि हम मंच साझा नहीं करेंगे. उधर कांग्रेसी भी ऐसा ही कह रहे हैं. मजे की बात ये है कि कांग्रेस-लालू का गठजोड़ तो हो रहा है, लेकिन दोनों जानते हैं कि जहां कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा, वहां यादवों का वोट डोल सकता है और बीजेपी में जा सकता है. असली मामला मुसलमान वोटरों का है, जिसके पीछे लालू-कांग्रेस पड़े हुए हैं. इस चुनाव में अगर लालू इस सुनहरे मौके को सीटों में तब्दील करने से चूके, तो स्थिति वाकई उनके लिए गंभीर हो जाएगी.
(यह विश्लेषण स्वतंत्र पत्रकार सुशांत झा ने लिखा है. वह इन दिनों ‘बिहार डायरी बिफोर इलेक्शन’ के नाम से ये सीरीज लिख रहे हैं.)