scorecardresearch
 

प्रशांत किशोर की ममता से मुलाकात के बिहार में निकाले जा रहे है ये राजनीतिक मतलब

प्रशांत किशोर की ममता बनर्जी से मुलाकत का भले ही जेडीयू पर कोई प्रभाव नहीं पड़े, लेकिन बंगाल में ममता के खिलाफ लड़ रही बीजेपी पर इसका असर पड़ सकता हैं.

Advertisement
X
जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

Advertisement

जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकत का भले ही जेडीयू पर कोई प्रभाव नहीं पड़े, लेकिन बंगाल में ममता के खिलाफ लड़ रही बीजेपी पर इसका असर पड़ सकता हैं. बिहार में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन है. ऐसे में अगर प्रशांत किशोर से जुड़ी कंपनी आईपैक का ममता बनर्जी के लिए काम करना बीजेपी को रास नहीं आएगा.

प्रशांत किशोर राजनैतिक रणनीतिकार रहे हैं. 2014 में उन्होंने बीजेपी के लिए काम किया तो 2015 में बिहार में जेडीयू और महागठबंधन के लिए उसके बाद वो कांग्रेस के लिए पंजाब और यूपी में काम कर चूके हैं, लेकिन हाल में आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी के लिए काम करके उन्होंने और उनकी कंपनी ने भारी सफलता पाई हैं. चंद्रबाबू नायडू को शिकस्त देकर जगन रेड्डी वहां मुख्यमंत्री हैं.

Advertisement

ममता को प्रशांत का सहारा

अब अपनी पार्टी की स्थिति देखकर ममता बनर्जी ने प्रशांत किशोर को मदद के लिए बुलाया है. बंगाल में 2021 में विधानसभा चुनाव है और जिस प्रकार लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने ममता को चुनौती दी है वो उनके लिए खतरे की घंटी है. ऐसे में ममता बनर्जी को प्रशांत किशोर से जुड़ी कंपनी आईपैक के सहारे के रूप में दिखाई दे रही हैं.

नीतीश को बताकर मिले होंगे प्रशांत?

प्रशांत किशोर ने पिछले साल जेडीयू ज्वॉइन किया था और पार्टी ने उन्हे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया. इस दौरान उन्होंने जगन रेड्डी के लिए आंध्रप्रदेश में काम भी किया. ऐसे में अगर वो ममता बनर्जी के लिए काम करते है तो पार्टी क्या आपत्ति हो सकती है. और बिना जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कॉन्फिडेंस में लिए उन्होंने यह कदम तो नहीं उठाया होगा.

बिहार में एनडीए के लिए काम करेंगे प्रशांत?

प्रशांत किशोर जिस कंपनी से जुड़े हैं, उसमें 800 लोग काम करते हैं. जाहिर है कम्पनी को चलाने के लिए कहीं न कही काम तो चाहिए और हमारे देश की परिस्थिति भी ऐसी है कि यहां हर साल किसी न किसी राज्य में चुनाव होते हैं. बंगाल से पहले बिहार में विधानसभा का चुनाव हैं. पिछली विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने बिहार में महागठबंधन के लिए काम किया था.

Advertisement

कार्यकारिणी की बैठक में होगा फैसला

जाहिर है कि प्रशांत किशोर जेडीयू से जुडे है तो बिहार चुनाव में उनकी भी अहम भूमिका होगी तो क्या यहां वो एनडीए के लिए काम करेंगे और बंगाल में ममता के लिए यह बहुत सारे सवाल है. रविवार को जनता दल यू की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक है. प्रशांत किशोर उसमे शामिल होंगे और तभी तमाम बातें साफ होंगी.

Advertisement
Advertisement