scorecardresearch
 

नीतीश को प्रणब दोबारा राष्ट्रपति पसंद, बाकी विपक्षी पार्टियों को नामंजूर!

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को अपने आवास पर विरोधी दलों के तमाम नेताओं की बैठक बुलाई थी जिसमें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा होनी थी मगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं पहुंचे. आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विभिन्न NDA के उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए विरोधी दलों का उम्मीदवार कौन हो इसको लेकर इस मीटिंग में चर्चा होनी थी.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो

Advertisement

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को अपने आवास पर विरोधी दलों के तमाम नेताओं की बैठक बुलाई थी जिसमें राष्ट्रपति चुनाव को लेकर चर्चा होनी थी मगर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं पहुंचे. आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विभिन्न NDA के उम्मीदवार को टक्कर देने के लिए विरोधी दलों का उम्मीदवार कौन हो इसको लेकर इस मीटिंग में चर्चा होनी थी.

नीतीश ने इस मीटिंग में अपने प्रतिनिधि के तौर पर जदयू नेता शरद यादव को भेजा मगर उनके खुद इस मीटिंग से दूरी बनाए रखने को लेकर वजह कुछ और सामने आ रही है.

दरअसल नीतीश ने कुछ दिनों पहले ही राष्ट्रपति चुनावों को लेकर एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चुना जाता है तो वह इसका स्वागत करेंगे. पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश ने कहा था कि प्रणब मुखर्जी अगर दोबारा राष्ट्रपति बने तो इससे अच्छी बात कुछ हो ही नहीं सकती है.

Advertisement

मगर प्रणब मुखर्जी को दोबारा राष्ट्रपति बनाया जाए इसको लेकर विरोधी दलों में काफी असहमति है. सूत्रों के मुताबिक 20 अप्रैल को नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी से दिल्ली में मुलाकात कर प्रणव को दुबारा राष्ट्रपति बनाने की वकालत की थी मगर सोनिया गांधी ने इनकार कर दिया.

सोनिया गांधी के करीबी और राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी प्रणब मुखर्जी को दोबारा राष्ट्रपति नहीं बनाने पर मंशा साफ कर दिया. लालू ने पिछले हफ्ते ही स्पष्ट कर दिया है कि प्रणब मुखर्जी

दोबारा राष्ट्रपति बनने नहीं जा रहे हैं और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जिस किसी को भी राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर चुनेंगी, वह उम्मीदवार उन्हें मंजूर होगा.

जाहिर सी बात है राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर प्रणब मुखर्जी नीतीश की पहली पसंद है मगर विरोधी दल इसके लिए तैयार नहीं है और यही वजह है कि नीतीश कुमार ने सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक से दूरी बनाई.

Advertisement
Advertisement