जनता दल (यूनाइटेड) जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं, तीन हिंदी भाषी राज्यों में मिली हार बीजेपी के लिए खतरे की घंटी नहीं है. साल 2014 के आम चुनावों में बीजेपी के चुनावी अभियान में अहम भूमिका निभाने वाले किशोर ने कहा, उन्हें भरोसा है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राम मंदिर मामले को आधार बनाए बगैर ही चुनाव जीत सकती है. उसे अगले आम चुनावों में जीत के लिए अपने विकास के एजेंडे पर बने रहना चाहिए.
बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन की सरकार है. किशोर भाजपा की राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हुई हार को लेकर टिप्पणी कर रहे थे. इन चुनावों को साल 2019 में होने वाले आम चुनावों का सेमीफाइनल कहा जा रहा था. राजनीतिक गलियारों से दखल रखने वाले लोगों का मानना है कि भाजपा इन चुनावों के लिए अब राममंदिर को प्रमुख मुद्दा बनाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी कह चुकी है कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा राजनीतिक नहीं है बल्कि यह आस्था का बात की है.
किशोर ने कहा, आज भले ही भाजपा उतनी ताकतवर नहीं दिख रही जितनी वह 2014 के चुनावों में थी लेकिन वह आज उससे कहीं अधिक ताकतवर है, जितनी वह 2004 में थी, जब उसने सत्ता गंवाई थी, और 2009 में जब सत्ता पाने में (कांग्रेस से) हार गई. बता दें कि किशोर सितंबर में जेडीयू में शामिल हुए थे और एक ही महीने में उन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष के ओहदे से नवाजा गया था.
प्रशांत किशोर ने कहा, मैं समझता हूं कि अभी भी नरेंद्र मोदी के ही नेतृत्व में चुनाव होगा. हम लोग गठबंधन में हैं और कई मुद्दों में हम लोगों में समानता है. किशोर ने कहा कि हमारा उद्देश्य युवाओं को राजनीति के लिए प्ररित करना है. उन्होने राम मंदिर मुद्दे को इनकार करते हुए कहा कि मुझे इसकी समझ नहीं है. उन्होंने कहा कि 2014 चुनाव में मैं जुड़ा हुआ था, उसमें राम मंदिर मुद्दा नहीं था. उस समय बिना राम मंदिर के मुद्दे के बीजेपी को बड़ा बहुमत मिला था.