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'PK बिजनेसमैन, सिर्फ मार्केटिंग करते हैं,' प्रशांत किशोर के दावे को ललन सिंह ने किया खारिज

जदयू प्रमुख राजीव रंजन ललन सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर (चुनाव रणनीतिकार) राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं. वे एक बिजनेसमैन हैं और अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करते हैं. उन्हें (जदयू में शामिल होने का) कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया. वे खुद सीएम से मिलना चाहते थे.

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जदयू के अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह ने मीडिया से बातचीत की. (फोटो- ANI)
जदयू के अध्यक्ष राजीव रंजन ललन सिंह ने मीडिया से बातचीत की. (फोटो- ANI)

बिहार में महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नए मिशन मोड में देखे जा रहे हैं. इसके साथ ही पार्टी भी पुराने सहयोगियों की वापसी को लेकर भी प्रयास करते देखी जा रही है. इस बीच, जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने पुराने सहयोगी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रशांत किशोर को बिजनेसमैन बताया है. इसके साथ ही नीतीश से मुलाकात के पहले मीडिया में बयान देने पर प्रशांत को मार्केटिंग करने वाला शख्स कहा है. ललन ने ये भी बताया कि प्रशांत खुद नीतीश कुमार से मुलाकात करना चाहते थे.

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जदयू प्रमुख राजीव रंजन ललन सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर (चुनाव रणनीतिकार) राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं. वे एक बिजनेसमैन हैं और अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करते हैं. उन्हें (जदयू में शामिल होने का) कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया. वे खुद सीएम से मिलना चाहते थे.

दिल्ली में प्रशांत से डेढ़ घंटे मुलाकात

उन्होंने आगे कहा कि बिहार के सीएम (नीतीश कुमार) ने उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलने के लिए कहा. हमने दिल्ली में 1.5 घंटे बात की. उनसे कहा कि वे पार्टी के अनुशासन के भीतर काम करें और सभी को पार्टी के फैसले को अलग-अलग राय के बावजूद स्वीकार करना चाहिए.

मुलाकात से पहले ही बयान दिया

ललन सिंह ने कहा कि सीएम से उनकी मुलाकात के लिए शाम 4 बजे का समय तय किया गया था, लेकिन उससे 2 घंटे पहले उन्होंने मीडिया में बयान दिया कि उन्हें मिलने के लिए बुलाया गया है लेकिन वे नहीं जाएंगे. सीएम इंतजार करेंगे. यह सब मार्केटिंग का हिस्सा है. 

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पुराने सहयोगियों को लेकर जदयू की नरमी!

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों के बीच एकता बनाने के साथ-साथ अपने पुराने साथियों को भी खेमे के लिए कोशिशों में जुट गए हैं. यही वजह है कि दो साल पहले पार्टी से निकाले गए पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा से नजदीकियां देखने को मिल रही हैं तो चर्चा ये भी है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी वापस लाने की तैयारी की जा रही है और इसके लिए नीतीश कुमार की तरफ से पवन वर्मा को जिम्मेदारी दी गई है. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी एक बयान में प्रशांत की वापसी को लेकर सवाल पर कहा था कि ये बात वे (प्रशांत किशोर) ही बता सकते हैं.

प्रशांत बोले थे- हां, नीतीश से मुलाकात हुई

दरअसल, हाल ही में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की पुष्टि की थी. उन्होंने बताया था कि हां, मैं दो दिन पहले उनसे मिला था. लेकिन ये मुलाकात सामाजिक, राजनीतिक, शिष्टाचार की भेंट थी. इतना ही नहीं नीतीश कुमार के साथ गठबंधन या साथ आने को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर वे एक साल में बिहार में 10 लाख नौकरी दे देते हैं, तो ही कोई बात हो सकती है.

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1 अक्टूबर से पदयात्रा निकालने वाले हैं प्रशांत

इससे पहले प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर पूछा था कि पिछले 10 वर्षों में नीतीश कुमार का सरकार बनाने का ये 6वां प्रयोग है. क्या आपको लगता है कि इस बार बिहार और यहां के लोगों का कुछ भला होगा? प्रशांत किशोर ने ये भी कहा था कि मैंने 1 अक्टूबर से बिहार में पदयात्रा का ऐलान किया है. मैंने जो रास्ते चुने हैं, उन पर मैं कायम हूं. उससे मैं पीछे नहीं हटूंगा. जनस्वराज से पीछे नहीं हटूंगा.

 

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