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तमिलनाडु में बिहार के रहने वाले मजदूरों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद से सियासत गर्म है. एक तरफ विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बिहार विधानसभा में ये मुद्दा उठाया तो वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से बात की थी. इस सबके बीच अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार को घेरने में जुटे हैं.
उन्होंने तमिलनाडु के एक स्थानीय नेता के भाषण का एक वीडियो ट्वीट किया है. वीडियो में "नाम तमिलर काची" पार्टी के प्रमुख सेंथामिझन सीमान लोगों को हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा के लिए भड़का रहे हैं. वीडियो में वे कह रहे हैं, "हिंदी भाषी लोग बदहवासी में अपना सामान पैक करके यहां से भागेंगे. मुझे नहीं पता, मैं कितनों को पीटूंगा. एक हफ्ते के अंदर वे अपना सामान बांध लेंगे."
प्रशांत किशोर ने इस वीडियो के साथ अंग्रेजी में एक कैप्शन लिखा है, जिसका हिंदी अनुवाद है, "जिन लोगों ने नफरत और हिंसा फैलाने के लिए फेक वीडियो का इस्तेमाल किया, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन इससे वो लोग दोष मुक्त नहीं हो जाते जो खुलेआम तमिलनाडु में हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा के लिए लोगों को भड़का रहे हैं. सेंथामिझन सीमान के इस भड़काऊ बयान पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?"
तमिलनाडु पुलिस ने मारपीट का वीडियो बताया था फर्जी
बता दें कि 2 मार्च को तमिलनाडु में हुई एक कथित घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. इस घटना की खबर अखबारों में भी छप गई. अखबारों की खबरों का हवाला देते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तमिलनाडु की घटना पर चिंता जताते हुए ट्वीट कर दिया. साथ ही मुख्य सचिव और डीजीपी को तमिलनाडु के आला अधिकारियों से बात करने और वहां काम करने वाले बिहार के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दे दिया. हालांकि, कुछ घंटे बाद तमिलनाडु पुलिस ने दावा किया कि बिहार के मजदूरों को मारे जाने के संबंध में सोशल मीडिया पर जो वीडियो चल रहे थे, वे फर्जी हैं.