जनता दल यूनाइडेट के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तारीफ की है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि NRC-NPR पर अपनी बात पर बने रहने के लिए नीतीश कुमार को वे धन्यवाद देते हैं. हालांकि पीके ने कहा है कि बिहार के हित और सामाजिक सदभाव से जुड़े कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सीएम को और काम करने की जरूरत है.
बिहार विधानसभा ने मंगलवार को NRC-NPR के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था. इसी के साथ नीतीश कुमार ने ये ऐलान कर दिया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा. सीएम नीतीश ने एनपीआर के कथित विवादित प्रावधानों को हटाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार ने केंद्र को लिखा है कि वह एनपीआर फॉर्म से कुछ विवादास्पद प्रावधानों को हटा लें.
अंतर्मन की आवाज सुनेंगे नीतीश
प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार के इस कदम की तारीफ की है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा है, "NPR-NRC पर अपनी बात पर बने रहने के लिए @NitishKumar जी धन्यवाद. लेकिन इससे आगे बड़े मुद्दे हैं जो बिहार के हित और हमारे आसपास सामाजिक सद्भाव से ताल्लुक रखते हैं, हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं कि आप अपने अंतर्मन की आवाज के प्रति सचेत रहेंगे और इन दोनों मुद्दों पर डटकर खड़े होंगे."
#NPR_NRC पर अपनी बात पर बने रहने के लिए @NitishKumar ज़ी धन्यवाद।
But beyond this there are larger issues concerning interest of Bihar and the social harmony around us. We can only hope that you would stay true to your inner conscious and stand up on both these counts as well.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) February 26, 2020
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नीतीश को पीके ने कहा था पिछलग्गू
इससे पहले प्रशांत किशोर ने विकास के मुद्दे पर नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की थी. 18 फरवरी को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को पिछलग्गू कहा था.
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पीके ने कहा था कि नीतीश राज में खूब विकास हुआ है, लेकिन इस विकास की गति और आयाम नहीं रहे. प्रशांत किशोर ने तब कहा था कि 2005 में विकास के मानकों पर बिहार की जो स्थिति थी कमोबेश वही हालात आज भी बने हुए हैं. प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उनके साथ हैं, जो गोडसे की विचारधारा को मानते हैं. पीके ने कहा था कि गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं.