चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, हां मैं दो दिन पहले उनसे मिला था. लेकिन यह मुलाकात सामाजिक, राजनीतिक, शिष्टाचार की भेंट थी. इतना ही नहीं नीतीश कुमार के साथ गठबंधन या साथ आने को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर वे एक साल में बिहार में 10 लाख नौकरी दे देते हैं, तो ही कोई बात हो सकती है.
इससे पहले प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर पूछा था कि पिछले 10 वर्षों में नीतीश कुमार का सरकार बनाने का ये 6वां प्रयोग है. क्या आपको लगता है कि इस बार बिहार और यहां के लोगों का कुछ भला होगा? इस ट्वीट को लेकर जब प्रशांत किशोर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पिछले 10 साल में नीतीश कुमार द्वारा किया गया ये छठवां प्रयोग है. लेकिन इनमें एक ही बात खास है कि अगर बिहार में कुछ नहीं बदला तो वह नीतीश कुमार और उनकी सीएम की कुर्सी है. दोनों एक दूसरे से चिपके हुए हैं.
अपने चुने रास्तों से पीछे नहीं हटूंगा- पीके
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैंने 1 अक्टूबर से बिहार में पदयात्रा का ऐलान किया है. मैंने जो रास्ते चुने हैं, उन पर मैं कायम हूं. उससे मैं पीछे नहीं हटूंगा. जनस्वराज से पीछे नहीं हटूंगा.
नीतीश से मुलाकात में क्या बात हुई?
इस सवाल के जवाब में प्रशांत किशोर ने कहा, मेरी दो दिन पहले मुलाकात हुई थी. वे बिहार के मुख्यमंत्री हैं. मैं दो महीने से बिहार में हूं. ये सामाजिक शिष्टाचार भेंट है. मैंने जो सवाल उठाए हैं, जो रास्ता चुना है, उनपर कायम हूं. उन्होंने बताया कि मेरी मुलाकात कोई रात में नहीं हुई. मैं सीएम आवास पर शाम 4.30 बजे मिला. 1-2 घंटे तक ये मुलाकात चली. उन्होंने अपनी बात बताई. मैंने अपनी बात उनके सामने रखी. मैं पिछले तीन चार महीने से बिहार में जो देख रहा हूं. बिहार में विकास के जिन मुद्दों को देखा, वो बात मैंने उन्हें बताईं.
बिहार में सिर्फ विकास काम करेगा- पीके
पीके ने कहा, ''दिल्ली में नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर को बिहार की एबीसी का ज्ञान नहीं है. मैंने उन्हें बताया कि जब तक बिहार में विकास का काम नहीं होगा, तब तक पार्टियों के मिलने जुड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा''. प्रशांत किशोर ने कहा कि जब वे 1 साल में बिहार में 10 लाख लोगों को रोजगार दे देते हैं, तभी गठबंधन पर कोई बातचीत संभव है. उससे पहले कोई बात नहीं हैं. मैं अपने रास्ते पर कायम हूं.
बिहार में बढ़ते अपराध पर पीके ने कहा, सरकार के मुखिया नीतीश कुमार हैं. गृह मंत्रालय उनके पास है. कोई मंत्रालय उनके पास हो या नहीं हो, फिर भी जिम्मेदारी नीतीश कुमार की ही है. उन्होंने कहा, ये स्थिति हाल ही में नहीं बनी है. आप पुराने आंकड़ों को देखें तो 2-3 साल में बिहार में अपराध बढ़ा है.