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'जाति की कहां? परिवार के स्वार्थ की राजनीति...', लालू-मांझी पर पीके का वार

जन सुराज पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने लालू यादव और जीतन राम मांझी पर हमला बोला है. पीके ने जाति की राजनीति को लेकर कहा कि नेता जाति की कहां, परिवार के स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने जाति-धर्म की राजनीति को लेकर सियासी दलों को घेरा और कहा कि व्यवस्था बदलने के लिए पदयात्रा पर निकला हूं.

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प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) जन सुराज पदयात्रा पर निकले हैं. जन सुराज पदयात्रा पर निकले पीके जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेर रहे हैं, वहीं राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) प्रमुख जीतन राम मांझी पर भी जमकर हमला बोल रहे हैं. पीके ने सीवान में लालू और मांझी पर जमकर हमला बोला है. 

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पीके ने जन सुराज पदयात्रा के दौरान सीवान के जीरादेई प्रखंड के चंदौली गंगौली पंचायत में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार की जनता हमको बता रही है कि यहां नेता जाति की राजनीती कर रहे हैं. उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि कोई नेता जाति की राजनीति नहीं कर रहा है. पीके ने कहा कि अगर नेता जाति की राजनीति करते तो आज लालूजी कहते कि बिहार का नेता कोई यादव समाज का होगा लेकिन ऐसा नहीं है.

उन्होंने कहा कि लालूजी का कहना है कि हमारा लड़का बिहार का नेता होगा. आप सभी यादव समाज के लोग हमे वोट करें. पीके ने कहा कि ये जाति की नहीं, परिवार के स्वार्थ की राजनीति है. उन्होंने कहा कि इस तरह की राजनीति में लालू जी अकेले नहीं है. मांझीजी (जीतन राम मांझी) का भी यही हाल है. वे भी हम और हमारा बेटा की राजनीति करते हैं.

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पीके ने कहा कि लालूजी और मांझीजी जैसे नेता तो अपने बच्चों की चिंता कर रहे हैं और जनता जाति–धर्म में उलझी हुई है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि आज बिहार की जनता इस दुर्दशा में है. पीके ने कहा कि अपने और अपने बच्चों की चिंता कीजिए तब जाकर बिहार में सुधार देखने को मिलेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद और धर्म के नाम पर वोट देना बंद कीजिए. पीके ने अपनी पदयात्रा का उद्देश्य भी बताया.

व्यवस्था बदलने के लिए कर रहे पदयात्रा

उन्होंने कहा कि 12-14 हजार के लिए बिहार के लड़के राज्य से बाहर जाकर मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं. इसी व्यवस्था को बदलने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं. पीके ने कहा कि सरकार का झंडा लेकर चलने से आपका हाल नहीं बदलेगा. उन्होंने कहा कि यदि आप अपने बच्चों की चिंता नही करेंगे तो कोई भी आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा.

पीके ने कहा कि जिस बदहाली और गरीबी में आपका जीवन बीता है, उसी गरीबी और बदहाली में आपके बच्चों का भी जीवन बीतेगा. उन्होंने कहा कि यहां जो भी लोग बैठे हैं, उनमें से कोई भी परिवार ऐसा नहीं है जिसके घर से एक भी युवा बाहर मजदूरी करने नहीं गया हो. पीके ने कहा कि हम बाइक, ट्रक देखते हैं. ये कहां बनता है. ये बनता है हरियाणा में, गुजरात में.

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बच्चों को मजदूर बनाकर दूसरे राज्य में भेज देते हैं

उन्होंने कहा कि हम घर बनाते हैं तो उसमें जो सीमेंट लगता है वो उत्तर प्रदेश और झारखंड में बनता है. टीवी और मोबाइल भी बिहार में नहीं बनते. पीके ने कहा कि हम बिहार में क्या बनाते हैं? हम बिहार में बच्चा पैदा करते हैं, उनको जवान करते हैं और मजदूर बना कर दूसरे राज्य में भेज देते हैं. उन्होंने कहा कि जिस बच्चे को हम अपना पेट काट कर पालते हैं, उसको 12-14 हजार के लिए दूसरे राज्य में भेज देते हैं.

वोट देते हैं कि सब वोट दे रहे तो हम भी दे दिए

पीके ने कहा कि वो लड़का भी दिन रात मेहनत करता है ताकि पैसा बचाकर घर भेज सके लेकिन आप वोट देते हैं कि सब वोट दे रहे हैं तो हम भी वोट दे दिए. उन्होंने कहा कि यही समझाने के लिए आए हैं कि अपने बच्चों के जीवन को बर्बाद होने से बचा लीजिए. गौरतलब है कि जन सुराज पदयात्रा के 141 दिन पूरे हो चुके हैं.

पीके की जन सुराज पदयात्रा के 141वें दिन की शुरुआत सीवान के जीरादेई पंचायत स्थित एक स्कूल में सर्वधर्म प्रार्थना के साथ हुई थी. पीके ने जीरादेई से पदयात्रा की शुरुआत की और जामापुर, चंदौली गंगौली, मझवलिया, सरहरवा, सेमरा होते हुए मैरवा प्रखंड के इंग्लिश पंचायत के कोलूहा दरगाह स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची.

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