अपने बयानों की वजह से विवादों में रहने वाले बिहार के सीएम जीतन राम मांझी की मुश्किल बढ़ने लगी है. अब मांझी के एक मंत्री ने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मांझी कैबिनेट में पशुपालन मंत्री बैद्यनाथ साहनी ने कहा है कि वो पूर्व सीएम नीतीश कुमार से मांझी की उनके गैरजिम्मेदाराना बयानों की न सिर्फ शिकायत करेंगे बल्कि उनके नेतृत्व में चुनाव भी नहीं लड़ेंगे.
आपको बता दें कि सीएम मांझी ने हाल में एक और विवादित बयान देते हुए सवर्णों को विदेशी और उनके पूर्वज को 'आर्यन' बताया था. मांझी के इस बयान पर सियासत तेज हो गई है. बीजेपी ने तो सीएम को निशाने पर लिया ही है, जेडी(यू) और राज्य सरकार के भीतर भी मांझी का विरोध शुरू हो गया है.
जेडी(यू) के विधायक अनंत सिंह ने सीएम को 'पागल शख्स' करार दिया है. अनंत सिंह ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की भी मांग की है. वहीं, पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि पार्टी मांझी के बयानों से खुश नहीं है क्योंकि सीएम के बयानों की वजह से पार्टी को बार-बार शर्मींदगी झेलनी पड़ रही है. नीरज कुमार ने मांझी को सलाह दी है कि वो पार्टी लाइन के मुताबिक बयान दें.
जेडी(यू) नेता और राज्यसभा सदस्य के सी त्यागी ने मांझी के बयान की आलोचना की है. वहीं, नीतीश कुमार के विश्वस्त माने जाने वाले जदयू नेता संजय झा ने मांझी के उस बयान को बहुत ही 'आपत्तिजनक' और 'गैरजरूरी' बताया.
कोर्ट पहुंचा मांझी का मामला
इस बीच, जीतन राम मांझी के विवादित बयान को लेकर समस्तीपुर जिला की एक अदालत में उनके खिलाफ एक परिवाद पत्र दायर किया गया है. रोसड़ा के न्यायिक दंडाधिकारी (फर्स्ट क्लास) की अदालत में पटसा गांव निवासी विजय कुमार मिश्र ने इस परिवाद पत्र में मांझी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की गुहार लगाई है.
मिश्र के वकील शिवराम राय ने बताया कि उनके मुवक्किल ने मांझी के खिलाफ आईपीसी की धारा 500, 504, 505(02), 506 और 511 के तहत परिवाद दायर किया गया है जिस पर 21 नवंबर को सुनवाई होनी है.
(इनपुट कुमार अभिषेक और रोहित सिंह की रिपोर्ट से)