बिहार में महागठबंधन की अप्रत्याशित जीत के बाद अब सरकार के गठन की तैयारी शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राज्यपाल रामनाथ कोविंद से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने कहा कि वह 14 नवंबर को महागठबंधन के विधायकों के साथ बैठक करने वाले हैं, जिसमें शपथ ग्रहण और सरकार की रूपरेखा तय की जाएगी.
लगातार तीसरी बार बिहार की कमान संभालने की तैयारी कर रहे नीतीश कुमार ने फिलहाल अपने मंत्रिमंडल के चेहरों पर खुलासे से इनकार किया है. उन्होंने बताया कि 14 तारीख को कैबिनेट की बैठक होगी और उसी दिन पुरानी सरकार का इस्तीफा भी होगा. इससे पहले खबर आई थी कि नीतीश 20 नवंबर को 36 कैबिनेट सदस्यों के साथ शपथ ग्रहण करेंगे.
मंत्रीमंडल के साथ ही नीतीश उपमुख्यमंत्री पर सवाल भी टाल गए. उन्होंने कहा कि 14 तारीख को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है और सबकुछ उसी वक्त तय होगा.
'जीत मिले तो बौराना मेरा स्वभाव नहीं'
बिहार में चुनावी संग्राम और उसमें अपनी जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए नीतीश ने कहा, 'जिस प्रकार से बिहार में बीजेपी ने कैंपेन चलाया वो हाई प्रोफाइल था. ऐसी परिस्थिति में अगर उलटे परिणाम आते हैं तो स्वभाविक है कि ऐसे वातावरण बनते. सब लोग सहज ढंग से लेते तो बात कुछ और होती. कभी भी जीत मिले तो बौराना मेरा स्वभाव नहीं. जीत गए और मजाक उड़ाने लगे यह भी मेरा स्वभाव नहीं है.'
'बीजेपी में डिबेट्स ज्यादा होगी'
बीजेपी में सीनियर नेताओं की नाराजगी और अंदरूनी उठापटक पर ज्यादा कुछ बोलने से इनकार करते हुए जेडीयू नेता ने कहा, 'बीजेपी के भीतर जो हो रहा उनका अंदरूनी मामला है, लेकिन तय है कि अब बीजेपी में डिबेट्स ज्यादा होगा.'
'आडवाणी, जोशी बीजेपी के धरोहर'
लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी समेत चार नेताओं द्वारा बीजेपी में बुजुर्गों की अनदेखी के आरोप पर नीतीश ने कहा, 'मैं बीजेपी का सदस्य नहीं. लेकिन हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है. बीजेपी के नेताओं ने जो किया यह उसकी प्रतिक्रिया हो रही है. अगर इतना प्रोफाइल नहीं देते तो इसकी प्रतिक्रिया नहीं होती. आडवाणी जी और जोशी जी ये लोग तो सीनियर हैं. बीजेपी का खुद ही नारा था कि बीजेपी के तीन धरोहर- अटल, आडवाणी और मुरली मनोहर.