जहां एक ओर बिहार सरकार पर्यटन के बढ़ावा पर जोर देने के साथ-साथ पर्यटन स्थलों को विकसित करने में लगी है, वहीं दूसरी ओर सरकार के ही मंत्री पर्यटकों के बारे विवादित बयान देते नजर आ रहे हैं. बिहार सरकार के मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा कि बिहार को पर्यटकों से कुछ नहीं मिलता, बल्कि पर्यटक सिर्फ बिहार की धरती को गंदा करते हैं.
बिहार में नहीं पीने दिया जाएगा शराब
बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को पटना हाई कोर्ट से रद्द किए जाने के बाद मद्य निषेध एवं उत्पाद मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा कि बिहार की धरती पर किसी को भी शराब पीने की छूट नहीं मिलेगी. मंत्री ने कहा कि चाहे वो बिहार की जनता हो या फिर सेना के जवान या फिर पर्यटक, बिहार में किसी भी कीमत पर शराब पीने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
पर्यटकों के बारे में एक कदम आगे बढ़ते हुए मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा कि पर्यटकों को भी बिहार में शराब पीने नहीं दिया जाएगा और पर्यटकों से बिहार को कुछ नहीं मिलता बल्कि वो बिहार की धरती को गंदा कर चले जाते हैं.
'सुप्रीम कोर्ट में दी जाएगी चुनौती'
पटना हाई कोर्ट के फैसले पर बोलते हुए मंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू है और लागू रहेगी. बिहार में शराब पर प्रतिबंध को लेकर बिहार सरकार प्रतिबद्ध है.
'HC के फैसले से जनता दुखी'
मस्तान ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला, फैसला ही रह जाएगा क्योंकि 2 अक्टूबर से बिहार में लागू होने वाला नया शराबबंदी कानून बिहार विधान मंडल के दोनों सदनों से पारित है. मंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले से बिहार की जनता दुखी है. उन्होंने कहा कि सरकार के सूबे में पूर्ण शराबबंदी के फैसले का बिहार की जनता ने तहे दिल से स्वागत किया था.
कठोर कानून को सराहा
मंत्री ने कहा कि कठोर कानून से ही बिहार में पूर्ण शराबबंदी को सफल बनाया जा सकता है, कमजोर कानून से यह अभियान सफल नहीं हो सकता. मंत्री ने धमकी भरे लहजे में कहा कि किसी भी कीमत पर न तो दूसरे राज्यों से शराब पीकर बिहार आने दिया जाएगा और न ही दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी कर बिहार लाने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जो भी ऐसा करते पकड़े जाएंगे उनको बख्शा नहीं जाएगा.