बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में शराबबंदी के फैसले को लेकर जहां देशभर में सुर्खियां बटोर रहे हैं. प्रदेश की महिलाएं इस बदलाव का खुलकर स्वागत कर रही हैं. वहीं कई लोग निजी स्तर पर भी नशामुक्त समाज बनाने के लिए काम कर रहे हैं. राज्य के सीमावर्ती जिले पूर्णिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निशांत कुमार तिवारी भी इसी कड़ी में शामिल हैं.
शराबबंदी के लिए एसपी का अनोखा प्रयोग
पश्चिम बंगाल और पूर्वोतर राज्यों से सटे पूर्णिया की सीमाएं नेपाल से भी लगी हुई हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन को यहां हमेशा मुस्तैद रहना पड़ता है. इन सब व्यस्तताओं के बीच यहां के एसपी अपने तरीके से नशामुक्ति के लिए कुछ अनोखा प्रयोग कर रहे हैं.
अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस पर निकाली झांकी
26 जून को देश-विदेश में 'अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध (नशा मुक्ति) दिवस' मनाया जा रहा है. इस मौके पर एसपी निशांत आम लोगों के साथ मिलकर नशामुक्त समाज के लिए शहर में झांकी निकाल रहे हैं. झांकी के अलावा वह शहर के कॉलेजों में वाद-विवाद प्रतियोगिता, स्कूलों में पेंटिंग प्रदर्शनी, मेडिकल कैम्प भी आयोजित करवा रहे हैं.
परिवार को तोड़ता और समाज को दूषित करता है नशा
निशांत तिवारी ने कहा कि नशामुक्त समाज बनाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा. नशा परिवार को तोड़ता और समाज को दूषित करता है. हम सभी का दायित्व है कि समाज को नशामुक्त करने के लिए अपने-अपने स्तर पर कम करें. सरकार तो इस मुहिम में हमारी मदद कर ही रही है.
एसपी के अभियान में जुड़े हर तबके के लोग
एसपी के इस अभियान के समाज के हर तबके के लोग जुटे हुए हैं. पूर्णिया कॉलेज के एक छात्र परवेज आलम ने कहा कि जब मैंने सुना कि नशामुक्ति के लिए झांकी निकलेगी तो अजीब लगा. दरअसल अब तक 26 जनवरी को ही किसी खास थीम पर झांकी निकलती है. अब नशामुक्त समाज के लिए झांकी निकल रही है. इसका सकारात्मक संदेश लोगों तक पहुंच रहा है.
शराबबंदी के लिए सीमाई इलाकों में खास चौकसी
गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी के बाद अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों की तरह पूर्णिया जिले में भी चौकसी बरती जा रही है. शराबबंदी से जो तबका पहले नाराज था, वह भी अब खुश नजर आ रहा है. हाल ही में सीएम नीतीश ने पूर्णिया में कहा था कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी से बेरोजगार हुए सभी लोगों के रोजगार के लिए सरकार वैकल्पिक व्यवस्था करेगी.
अभियान का दूसरे जिलों में भी होगा असर
पूर्ण शराबबंदी के बाद नशामुक्त समाज के बनाने में लगे निशांत तिवारी के इस मुहिम का दूसरे जिलों में अमल होने की गुंजाईश बन रही है. अब यह देखना है कि नशा मुक्त समाज के निर्माण का संदेश देने वाली झांकी, वाद-विवाद प्रतियोगिता या फिर पेंटिंग प्रदर्शनी का कितना गहरा असर समाज पर पड़ता है.