अपनी मांगों को लेकर देशभर में किसान 10 दिन की हड़ताल पर बैठे हैं. किसानों की इस हड़ताल को देश के कृषि मंत्री ने मीडिया में आने का तरीका बताया था. कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के इसी बयान पर अब बिहार के मुजफ्फरपुर की सीजेएम कोर्ट में शिकायत की गई है. सामाजिक कार्यकर्ता तम्मना हाशिमी ने मुजफ्फरपुर की सीजेएम कोर्ट में राधामोहन सिंह के बयान के खिलाफ परिवाद पत्र दायर किया है.
क्या कहा था कृषि मंत्री ने?
दरअसल, पटना में नरेंद्र मोदी सरकार के 4 साल की उपलब्धियों का बखान करने पहुंचे राधा मोहन सिंह ने आज तक द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि किसान मीडिया में बने रहने के लिए किस्म-किस्म के तरीके अपना रहे हैं, ताकि उन्हें पब्लिसिटी मिले. राधामोहन सिंह ने कहा था कि किसानों का यह विरोध प्रदर्शन केवल मीडिया में आने का एक जरिया है.
किसानों द्वारा बुलाई गई दस दिवसीय हड़ताल का सोमवार को चौथा दिन है. आज भी देशभर में किसानों के इस आंदोलन के कारण सब्जियों, दूध आदि के दामों में बढ़ोतरी दिखाई पड़ सकती है. पिछले तीन दिनों से अभी तक किसानों ने शांतिपूर्वक आंदोलन किया है.
आपको बता दें कि राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया है. किसानों का यह 10 दिवसीय आंदोलन सब्जियों के न्यूनतम मूल्य, समर्थन मूल्य और न्यूनतम आय समेत कई मुद्दों को लेकर किया गया है.
रविवार को किसानों ने पंजाब और हरियाणा में विरोध जताते हुए सड़कों पर सब्जियां फेंकी. जिसके कारण शहरों में सब्जियों के दाम आसमान को छू रहे हैं. देश के 22 राज्यों में कई किसान संगठन संयुक्त रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी उपज के लिए लाभकारी दाम, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने एवं कृषि ऋण माफ करने की मांग कर रहे हैं.