पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर रविवार शाम पटना एयरपोर्ट पहुंचा. एयरपोर्ट पर रघुवंश प्रसाद सिंह के परिजन पहले से मौजूद थे. रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर रविवार शाम 4 बजे एम्स से नई दिल्ली एयरपोर्ट ले जाया गया. यहां से शाम 5.30 बजे इंडिगो की फ्लाइट से पटना ले जाया गया. यहां कौटिल्य नगर में ही रात्रि ठहराव का कार्यक्रम है. पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रघुवंश प्रसाद सिंह को श्रद्धांजलि दी. उनके साथ डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी समेत और भी कई नेता मौजूद रहे.
Bihar: CM Nitish Kumar, Dy CM Sushil Modi & RJD leader Rabri Devi pay last respects to ex-Union Minister Raghuvansh Prasad Singh, as his mortal remains have been brought to legislative council & legislative assembly in Patna.
— ANI (@ANI) September 13, 2020
Raghuvansh Prasad Singh was admitted at AIIMS, Delhi. pic.twitter.com/Kf533DhYox
बिहार में राजनीति शुरू
रघुवंश प्रसाद सिंह का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पर पहुंचते ही राजनीति शुरू हो गई. रघुवंश प्रसाद सिंह ने 10 सितंबर को आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन आरजेडी की तरफ से लगातार उनके शव को आरजेडी कार्यालय ले जाने का दबाव बनाया जा रहा था. उनके बेटे सत्यप्रकाश सिंह ने बताया कि दिल्ली से ही दबाव बनाया जा रहा था. पटना एयरपोर्ट पर आरजेडी के कार्यकर्ता आकर आरजेडी दफ्तर ले जाने की बात कर रहे थे लेकिन परिवार के लोगों ने साफ इनकार कर दिया.
परिजनों का आरोप
परिवार के लोगों का आरोप है कि उनकी जिंदगी में पार्टी ने कुछ नहीं किया और अब श्रेय लेने की होड़ लगी है. जब उन्होंने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था तब इतनी बेचैनी आरजेडी में क्यों दिख रही है. जब वे 3 महीने से बीमार थे तो कोई देखने नहीं आया. रघुवंश प्रसाद सिंह के करीबी विनोद पंजियार ने बताया कि बीमार हालात में लिखी उनकी 3 चिट्ठियां उनकी पीड़ा को दर्शाती हैं. वे आरजेडी के लिए हमेशा खड़े रहे लेकिन आरजेडी उनकी जगह कारोबारियों को राज्यसभा भेजती रही. आरजेडी के लोग कहते हैं कि रघुवंश सिंह के आरजेडी छोड़ने से समुद्र से एक लोटा पानी निकल जाएगा. पंजियार ने कहा कि आज पूरा समुद्र सूख गया.
विधानसभा में उनके पार्थिव शरीर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव समेत तमाम दल के नेताओं ने श्रद्धांजलि दी. बाद में तेजस्वी यादव उनके निवास स्थान कौटिल्य नगर भी गए. रघुवंश प्रसाद सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को वैशाली जिले के उनके पैतृक गांव में होगा.
सोमवार का कार्यक्रम
सोमवार को 9:30 बजे पटना स्थित कौटिल्य नगर से रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्थिव शरीर को हाजीपुर-लालगंज बाजार होते हुए वैशाली गढ़ ले जाने का कार्यक्रम है. यहां पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. वहां से हाजीपुर और जढुआ बाजार होते हुए उनके पैतृक आवास पानापुर पहेमी (शाहपुर) के लिए यात्रा शुरू होगी.
दिल्ली में निधन
अभी हाल में तबीयत खराब होने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. वे एम्स के आईसीयू में भर्ती थे. दो दिन पहले उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी. सांस लेने में परेशानी होने की बात सामने आई थी जिसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. इलाज के दौरान ही रविवार को उनका निधन हो गया.
राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रघुवंश प्रसाद सिंह के बेटे सत्यप्रकाश सिंह से फोन पर बात कर उन्हें सांत्वना दी. मुख्यमंत्री ने ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राजकीय सम्मान के साथ रघुवंश प्रसाद सिंह का अंत्येष्टि कराना सुनिश्चित करें. मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना महामारी को देखते हुए लागू दिशा-निर्देश के तहत निर्धारित प्रोटोकॉल के अनुरूप राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
वैशाली में हुआ था जन्म
रघुवंश प्रसाद सिंह का जन्म 6 जून 1946 को वैशाली के शाहपुर में हुआ था. वे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में उपाध्यक्ष के पद पर थे. वे साल 1977 से लगातार राजनीति में सक्रिय रहे. वे लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी थे. लगातार चार बार वैशाली से सांसद बनने के अलावा रघुवंश प्रसाद यूपीए सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके थे.