कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों अपनी राजनीति में कई तरह के प्रयोग कर रहे हैं. भाषण देने के अंदाज में बदलाव, सोशल मीडिया पर मौजूदगी, लोगों से मिलना और मंदिरों में जाना. राहुल के इन कदमों की तारीफ भी हो रही है. इन सभी के साथ ही राहुल विपक्ष को साथ लेने के मिशन पर भी काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में राहुल ने शुक्रवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ लंच किया.
तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर राहुल को लंच के लिए शुक्रिया भी किया. उन्होंने ट्वीट किया, लंच के लिए शुक्रिया राहुल. आपने अपने बिजी शेड्यूल के बीच भी लंच के लिए समय निकाला इसके लिए शुक्रिया.
बदले-बदले से राहुलThank you @OfficeOfRG for taking me out for wonderful lunch. Feel appreciated and grateful. Again thanks for taking out time out of ur tight schedule. pic.twitter.com/wqIg8Ss3xm
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 17, 2017
गौरतलब है कि राहुल गांधी जब से अमेरिका दौरे से लौटे हैं तभी से ही उनका अंदाज आक्रामक हो गया है. इसके अलावा सोशल मीडिया पर राहुल के तीखे ट्वीट, शायराना वार लोगों को खूब भा रहे हैं. यही कारण है कि अभी तक सोशल मीडिया पर बीजेपी से पिछड़ने वाली कांग्रेस अब टक्कर दे रही है.
महागठबंधन में दिया था साथ
राजद और कांग्रेस का साथ कोई नया नहीं है. 2015 बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस-राजद-जदयू ने गठबंधन किया था. इस दौरान तेजस्वी-राहुल की जोड़ी भी साथ में दिखी थी. जदयू ने जब महागठबंधन तोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाया, उसके बाद भी कांग्रेस-राजद साथ ही रहे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी दोनों दलों के बीच मामला सुलझाने की कोशिशें की थीं.
राहुल को युवा पसंद हैं!
कांग्रेस को नए कलेवर में लाने की कोशिशों में राहुल गांधी अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं. राहुल युवाओं को अपने साथ जोड़ना चाहते हैं, जिसका उदाहरण हमें उत्तर प्रदेश के चुनाव में मिला था. जब अखिलेश और राहुल की जोड़ी मैदान में उतरी थी, हालांकि वह चुनाव हार गए थे. अब बिहार में राहुल का तेजस्वी के साथ लंच करना उधर गुजरात में भी राहुल का युवा नेताओं को साथ जोड़ना इसी का ही एक उदाहरण है.
गौरतलब है कि 2013 में राहुल गांधी ने तत्कालीन मनमोहन सरकार के उस अध्यादेश को फाड़ दिया था जिसमें दागी नेताओं को चुनाव लड़ने से छूट का प्रावधान था. उस दौरान राहुल ने कहा था कि 'सभी पार्टियां दागियों को टिकट देती हैं और यह इसे रोकने का समय है. उन्होंने कहा, 'मैं सभी राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि इस तरह के समझौते करने से बाज आएं.' राहुल के अध्यादेश फाड़ने के कारण ही लालू पर 6 साल चुनाव ना लड़ने की रोक लागू हुई थी. लालू चारा घोटाले में आरोपी हैं.
मिशन 2019 पर नजर!
राहुल गांधी जल्द ही कांग्रेस के अध्यक्ष बनने वाले हैं. यही कारण है कि राहुल इस समय फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं. वह विपक्षी नेताओं से तालमेल बढ़ा रहे हैं. ममता बनर्जी, अखिलेश यादव आदि बीजेपी विरोधी पार्टियों को राहुल एकजुट करना चाहते हैं, जिसका सीधा निशाना मिशन 2019 का है.