बिहार में इन दिनों राज्यसभा चुनाव को लेकर गहमागहमी का माहौल है. इसी बीच बिहार की राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव हो रहा है. नामांकन की अंतिम तारीख 31 मई है. ऐसे में सोमवार को सत्तापक्ष की ओर से एनडीए के तीनों कैंडिडेट का नामांकन होना था, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि नामांकन नहीं हो सका. जिसके बाद बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों का नामांकन मंगलवार तक के लिए स्थगित हो गया है.
बताया जा रहा है कि नामांकन करने आए नेताओं के कागज पूरे नहीं थे. वहीं दूसरी ओर जदयू के उम्मीदवार खिरू महतो ने विधानसभा सचिव के कक्ष में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहे.
सत्ताधारी गठबंधन जेडीयू और बीजेपी ने रविवार को राज्य सभा कैंडिडेट के नाम का ऐलान किया था. जेडीयू ने अपने कैंडिडेट और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का पत्ता काट कर झारखंड के पार्टी के नेता खिरू महतो को उम्मीदवार बनाया. जबकि बीजेपी ने एक सीट पर फिर से सतीश चंद्र दुबे और दूसरी सीट से नये चेहरे शंभू शरण पटेल को उतारा है.
तीनों कैंडिडेट एक साथ नामांकन दाखिल करने विधानसभा पहुंचे थे. इस दौरान एनडीए उम्मीदवारों के नॉमिनेशन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ बीजेपी-जेडीयू के साथ गठबंधन के सभी बड़े चेहरे विधानसभा के कक्ष में पहुंचे थे, लेकिन नामांकन मात्र जदयू के उम्मीदवार का हो पाया.
बीजेपी उम्मीदवारों का नामांकन टला
दूसरी ओर नामांकन के लिए पहुंचे बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों की फजीहत ज्यादा हुई, क्योंकि उन्होंने अपना पेपर पूरा नहीं किया था. इसलिए उनका नामांकन टाल दिया गया. अब ये लोग अपना नामांकन अंतिम दिन कर पाएंगे. जदयू के उम्मीदवार के नॉमिनेशन के बाद एनडीए के तीनों उम्मीदवारों के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, के अलावा उपमुख्यमंत्री और अन्य नेताओं ने फोटो खिंचवाई.
इस मौके पर डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि एनडीए का गठबंधन आगे भी मजबूत रहेगा. वहीं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि जदयू का विस्तार अब पूरे देश में होने वाला है. इसलिए झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष को मौका दिया गया है. वहीं जब आरसीपी सिंह से जुड़ा सवाल किया गया तो सबी नेता उनके ऊपर जवाब देने से बचते दिखे.
आरसीपी सिंह का पत्ता क्यों कटा?
आरसीपी सिंह का पत्ता कटने के पीछे जो सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है, वो ये है कि आरसीपी सिंह और JDU के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. इस वजह से आरसीपी सिंह के लिए जदयू से राज्यसभा का एक और कार्यकाल हासिल कर पाना मुश्किल लग रहा था. माना जाता है कि आरसीपी सिंह का बीजेपी के प्रति झुकाव बढ़ा है, जिससे नीतीश कुमार भी असहज हैं. नीतीश और बीजेपी के रिश्तें में भी पिछले कुछ वक्त से तल्खी आई हुई है.