हम किसी से कम नहीं. कुछ इसी तर्ज पर इन दिनों बिहार में सियासी प्रतियोगिता शुरू होने वाली है. महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से जहां बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सरकार पर हमलावर है तो दूसरी तरफ महागठबंधन भी बीजेपी के हर हमले का जवाब में जुटा है. ताजा मामला सीमांचल में बीजेपी की रैली के बाद महागठबंधन के एक्शन मोड में आने का है.
दरअसल, 23 और 24 सितंबर को पूर्णिया और किशनगंज में बीजेपी की एक बड़ी रैली हो रही है, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह शामिल हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इस रैली के जरिये बीजेपी बिहार में चुनावी अभियान का बिगूल फूंकने जा रही है. मिशन 2024 को लेकर बिहार में बीजेपी की रणनीति का खुलासा होते ही महागठबंधन की ओर से भी तैयारी शुरू कर दी है.
महागठबंधन की पूर्णिया, किशनगंज और कटिहर में रैली
जदयू कोटे के मंत्री विजय चौधरी ने बीजेपी की रैली के ठीक बाद महागठबंधन की पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार में रैली की घोषणा कर दी है. जदयू का कहना है कि अब बात सिर्फ तीन जिलों की नहीं रही. महागठबंधन पूरे बिहार में रैली करने वाली है. बीजेपी के खिलाफ राजद और जदयू के नेता पूरी तरह एकजुट हैं और बहुत जल्द पूरे बिहार की जनता के बीच पहुंचेंगे. इन रैली में सीएम नीतीश कुमार को समर्थन देने की बात करेंगे.
बिहार में ताकत दिखाना चाहता है महागठबंधन
जाहिर है कि महागठबंधन अमित शाह की रैली के बाद हरकत में आया है और उसे लगता है कि भाजपा के रैली का जवाब रैली से ही दिया जा सकता है, ताकि ना सिर्फ माहौल बने बल्कि महागठबंधन के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सक्रिय रहें. महागठबंधन की रैली के पीछे एक और कारण है- महागठबंधन बिहार में अपनी ताकत दिखाना चाहता है, ताकि बिहार में बीजेपी की दाल गलनी बंद हो जाए.
शाह की रैली में बड़ी संख्या में लोगों के जुड़ने का अनुमान
ज्यादातर गरीबों और पिछड़ों के वोटों को लेकर राजद नेता लगातार जिलों में कार्यक्रम कर रहे हैं. वहीं बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने महागठबंधन पर तंज कसा है और कहा- सीमांचल में अमित शाह की रैली ने विरोधियों की नींद उड़ा दी है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बहुल इलाके में बहुत सारी अफवाहें फैलाकर महागठबंधन के लोगों ने लोगों को गुमराह किया है. अब अमित शाह के आने से बड़ी संख्या में लोगों के बीजेपी से जुड़ने का अनुमान है, जिससे महागठबंधन घबरा गया है, इसलिए रैली का आयोजन कर रहा है.