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BJP सांसद रामकृपाल के बेटे अभिमन्यु थामेंगे LJP का दामन, कोरोना ने टाली एंट्री

बिहार की सियासत में एक समय लालू यादव के बाद आरजेडी में दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले रामकृपाल यादव बीजेपी में हैं और अब उनके बेटे अभिमन्यु यादव एलजेपी का दामन थामने जा रहे हैं. 27 मार्च की तारीख उनके एलजेपी में शामिल होने की थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते फिलहाल इसे टाल दिया गया है.

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एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान और अभिमन्यु यादव
एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान और अभिमन्यु यादव

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  • अभिमन्यु यादव की 27 मार्च की एलजेपी में एंट्री टली
  • रामकृपाल यादव 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और पाटलिपुत्र से बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव के छोटे बेटे अभिमन्यु यादव लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) का दामन थाम सकते हैं. एलजेपी में अभिमन्यु के शामिल होने की तारीख भी 27 मार्च तय हो गई थी, लेकिन कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए इसे फिलहाल के लिए इसे टाल दिया गया है.

अभिमन्यु यादव की सियासी लॉन्चिंग के लिए बाकायदा टीम अभिमन्यु नाम की संस्था के तले पटना में 27 मार्च को एक बड़े कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई थी, जिसका नाम मिशन मार्च 2020 रखा गया था. इस कार्यक्रम में एलजेपी चिराग पासवान के शामिल होने की संभावना भी थी. हालांकि अभिमन्यु यादव अब भी खुलकर ये नहीं कहते हैं कि वो एलजेपी में शामिल होंगे, लेकिन जिस तरह से चिराग पासवान से उनकी नजदीकियां देखी जा रही हैं. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अभिमन्यु यादव एलजेपी का दामन थाम सकते हैं.

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#मिशन अभिमन्यु नाम से चलाने वाले अभिमन्यु यादव बिहार में बेहतरी के नाम पर युवाओं को इस मिशन से जोड़ने में लगे हैं. अभिमन्यु को अपने पिता रामकृपाल यादव से विरासत में राजनीति मिली है. वहीं, एलजेपी का नेतृत्व युवा हाथों में है. ऐसे में उन्होंने लगता है कि एलजेपी में जाने से उनकी विचारधारा को सियासी बल और उन्हें उचित जगह और सम्मान मिल सकता है.

बता दें कि रामकृपाल यादव ने अपना सियासी सफर आरजेडी से शुरू किया था. आरजेडी में रामकृपाल यादव की राजनीतिक हैसियत लालू प्रसाद यादव के बाद दूसरे नंबर की थी. रामकृपाल यादव पिछली मोदी सरकार में राज्यमंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी है. रामकृपाल बीजेपी से भले ही दूसरी बार सांसद हों, लेकिन उन्हें आरजेडी वाली सियासी मुकाम नहीं मिल सका है.

रामकृपाल यादव के बेटे अभिमन्यु यादव अपनी अलग सियासी पहचान बनाना चाहते हैं. वो पिछले तीन सालों से टीम अभिमन्यु नाम की संस्था चला रहे है, जिसकी शुरूआत करीब 20 लोगों से हुई थी. आज इसमें सदस्यों की संख्या करीब एक लाख है. टीम अभिमन्यु का मुख्य काम गरीबों की मदद करना है. एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान भी युवा हैं और उनकी अपनी सोच है कि वो सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व चाहते हैं. एलजेपी में चिराग पासवान के बाद कोई बड़ा यादव चेहरा भी नही है. ऐसे में अभिमन्यु एलजेपी के समीकरण के लिए फिट बैठते हैं और युवा भी हैं.

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वहीं, बिहार बीजेपी में कई बड़े यादव नेता हैं. केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय बिहार में बीजेपी का यादव चेहरा हैं, जिन्हें रामकृपाल यादव की जगह इस बार मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. अभिमन्यु को अपने सियासी करियर के लिए बीजेपी के बजाए एलजेपी में स्थापित होना ज्यादा आसान नजर आ रहा है. ऐसे में उन पर वंशवाद का आरोप भी नहीं लग सकेगा.

हांलाकि पिता बीजेपी में और बेटा एलजेपी में रहने से सवाल उठ सकते है. इस पर एलजेपी प्रवक्ता अशरफ अंसारी का कहना है कि इससे क्या फर्क पड़ता है दोनों पार्टियां एनडीए में हैं उनका मकसद एक है, सोच एक है, फिर दिक्कत क्या है. कोरोना की वजह से 27 मार्च को होने वाला कार्यक्रम तो फिलहाल रद्द हो गया है लेकिन जल्दी ही कार्यक्रम की घोषणा होगी जिसमें अभिमन्यु एलजेपी का दामन थामेंगे.

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