बिहार बीजेपी के प्रवक्ता पद से हटाए गए रामकिशोर सिंह ने सुशील मोदी पर तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया.
रामकिशोर सिंह को बीजेपी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना और बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार की तारीफ करने के बाद मंगलवार को प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मंगल पांडेय द्वारा प्रवक्ता पद से हटा दिया गया था.
बीजेपी पार्षद रामकिशोर सिंह ने अपना इस्तीफा राज्य प्रमुख को भेज दिया. सिंह ने सार्वजनिक तौर पर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व पर संदेह जताया था.
रामकिशोर सिंह ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने पार्टी नेताओं से आज सुबह 11 बजे तक मामले पर चर्चा करने को कहा था, लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया, तो मैंने अपना इस्तीफा बिहार बीजेपी अध्यक्ष मंगल पांडेय को भेज दिया.’
बीजेपी के पूर्व प्रवक्ता ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी की कडी़ आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि वे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से ‘तानाशाहीपूर्ण तरीके से’ व्यवहार करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सुशील मोदी पार्टी के वयोवृद्ध नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ करते हैं, ताकि बीजेपी की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख नरेन्द्र मोदी के सामने अपने नंबर बढा सकें.
रामकिशोर सिंह ने कहा था, ‘नरेन्द्र मोदी खारे पानी से बनी बर्फ हैं, जो दिल्ली पहुंचने से पहले ही (प्रधानमंत्री बनने से पहले ही) गल जाएगी.’ उन्होंने यह भी कहा था कि गुजरात माडल पूरे देश पर लागू नहीं हो सकता.
रामकिशोर सिंह ने कहा था, ‘नीतीश कुमार ‘विकास पुरुष’ थे और हैं, जिनमें सबको साथ लेकर चलने की क्षमता है. वे निश्चित रूप से प्रधानमंत्री बनने की क्षमता रखते हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वे जेडीयू में शामिल होने की योजना बना रहे हैं, सिंह ने कहा कि उन्होंने अब तक ऐसा कोई फैसला नहीं किया है.
रामकिशोर सिंह को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के खिलाफ विचार व्यक्त करने और यह कहने पर पार्टी का कोपभाजन बनना पडा़ है कि बीजेपी के कम से कम 35 विधायक पिछले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के कारण विजयी हुए थे.