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बिहार में क्लोज हुआ आरसीपी सिंह का सियासी चैप्टर! पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा- अब कुछ नहीं बचा है

उपेंद्र कुशवाहा ने आज तक से कहा कि जदयू ने उन्हें बहुत कुछ दे दिया. अब उनके लिए क्या बचा है. वे खुद तय करें. साफ जाहिर है कि उनके लिए अब जदयू में सियासी स्पेश की कमी हो गई है.

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नीतीश कुमार के साथ आरसीपी सिंह
नीतीश कुमार के साथ आरसीपी सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जदयू में आरसीपी को नहीं दी जा रही तवज्जो
  • 2020 विधानसभा चुनाव को लेकर आरसीपी पर हमला

बिहार में कभी पावर सेंटर के पास रहकर राज्य की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले जदयू नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह पर सियासी बयानबाजी का दौर लगातार जारी है. अब कहा जा रहा है कि जदयू में आरसीपी का चैप्टर क्लोज हो गया है ! अब बस नाम के बचे हैं आरसीपी सिंह. हालांकि ये बातें चर्चा के बाद गंभीर इसलिए हैं कि अब जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने मुखर होकर मीडिया से ऐसा बोल दिया है. जिससे ये साफ साबित हो रहा है कि अब आरसीपी के दिन जदूय में कम ही बचे हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने आज तक से कहा कि जदयू ने उन्हें बहुत कुछ दे दिया. अब उनके लिए क्या बचा है. वे खुद तय करें.

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जदयू में आरसीपी को नहीं दी जा रही तवज्जो

पटना पहुंचने के बाद जिस तरह जदयू के नेता आरसीपी को लेकर बयान दे रहे हैं. उससे साफ जाहिर है कि उनके लिए अब जदयू में सियासी स्पेश की कमी हो गई है. ललन सिंह, अशोक चौधरी और अब उपेंद्र कुशवाहा. इन तीनों नेताओं ने आरसीपी को तंज के अंदाज में ये कह दिया है कि आप जो भी रहे नीतीश की कृपा से रहे और अब कुछ आपके लिए है नहीं.

पटना आने के कई घंटे बीतने के बाद भी जदयू की ओर से आरसीपी को लेकर कोई जिम्मेदारी भी निर्धारित नहीं की गई है. सियासी पंडित मानते हैं कि ललन सिंह आरसीपी को कहीं का नहीं छोड़ने वाले हैं. वहीं सोशल मीडिया पर आरसीपी को लेकर मीम बनाये जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि बीजेपी में जाएंगे तो बर्बाद हो जाएंगे.

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2020 विधानसभा चुनाव को लेकर आरसीपी पर हमला

जदयू नेताओं के आरसीपी को लेकर तल्ख तेवर ये बताने के लिए काफी हैं. उपेंद्र कुशवाहा ने तो इशारों-इशारों में यहां तक कह दिया कि 2020 में कुछ लोगों ने नीतीश को चुनाव हराने की कोशिश और कमजोर करने की कोशिश की थी. आगे उन्होंने कहा कि आरसीपी ने अपनी जिम्मेदारी कितनी ईमानदारी से पार्टी के लिए निर्वाह किया ये चुनाव परिणाम बताता है.

हाल में आरसीपी के बयान से बीजेपी के नजदीक होने की बू आने से जदयू नेता और तल्ख टिप्पणी कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर आरसीपी के समर्थक अब भी आरसीपी को नीतीश से बड़ा नेता सोशल मीडिया पर बता रहे हैं. जबकि जदयू नेता लगातार आरसीपी पर हमले बोल रहे हैं.

आरसीपी सिंह ने साधी चुप्पी

इधर, संत संगत से सियासत की ओर लौटे आरसीपी सिंह ने चुप्पी साध ली है. आरसीपी ने अपने गांव में डेरा डाल लिया है. सियासी जानकार मानते हैं कि आरसीपी की चुप्पी बड़ा खेल करने वाली है. वे बहुत जल्द जदयू नेताओं को अपने तरीके से जवाब देंगे. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक जदयू नेता ने कहा कि आरसीपी आईएएस हैं और उनकी रणनीति जदयू के खुद को चालाक समझने वाले नेताओं से अलग होगी. वो बहुत जल्द पुराने तेवर में लौट सकते हैं.
 

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