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RCP सिंह ने आखिरकार ज्वॉइन कर ली बीजेपी, नीतीश कुमार के लिए बोले 'पीएम मतलब पलटी मार'

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के आज दोपहर 12:30 बजे दिल्ली में बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. कभी नीतीश कुमार करीबी रहे आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था. इसी के बाद ही उन्होंने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. ऐसे में आरसीपी सिंह के बीजेपी में जाने से नीतीश कुमार को बड़ा झटका लग सकता है.

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आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जेडीयू से दे दिया था इस्तीफा
आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जेडीयू से दे दिया था इस्तीफा

पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (रामचंद्र प्रसाद सिंह) गुरुवार को बीजेपी में शामिल हो गए. उन्होंने दिल्ली में धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ली. बीजेपी में शामिल होते ही उन्होंने नीतीश कुमार पर किया जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि नीतीश को बिहार के कल्याण के लिए जनादेश मिला था, लेकिन अब वह क्या कर रहे हैं? एक दिन ओडिशा में, दूसरा दिन झारखंड में और आज महाराष्ट्र में हैं. वह अब विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, लेकिन सवाल यह है कि आपका नेता कौन है? आप बिना किसी नेता के विपक्षी एकता की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? उन्होंने बताया- मैंने नीतीश कुमार से कहा कि आप पीएम हैं और पीएम रहेंगे, लेकिन इस पीएम का क्या मतलब है? मुझे लगता है इसका मतलब है- 'पलटी मार'.

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आरसीपी सिंह ने पिछले साल अगस्त में जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था. नीतीश कुमार के करीबी रहे आरसीपी सिंह ने अपने इस्तीफे की घोषणा के साथ कहा था कि जेडीयू में कुछ नहीं बचा है. वो अब डूबता हुआ जहाज है. हमसे चिढ़ है, तो हमसे निपटो, हमारे पास विकल्प खुले हुए हैं. वर्तमान समय में मुझ पर अकूत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया. ये उनकी छवि को बदनाम करने की कोशिश थी.

जब उन्होंने इस्तीफा दिया था, तभी से यह चर्चा होने लगी थी कि वह बीजेपी में शामिल होंगे लेकिन तब ऐसा नहीं हुआ था. चर्चा यह भी हुई थी कि उन्हें नालंदा में बीजेपी शामिल होने का न्योता भी दिया गया था लेकिन उस समय उन्होंने यह कहते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया था कि वह सही समय पर सही निर्णय लेंगे.

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धर्मेंद्र प्रधान ने दिलायी पार्टी की सदस्यता

राज्यसभा न भेजने से थे नाराज

नीतीश कुमार के बाद जेडीयू में आरसीपी सिंह की दूसरे नंबर की हैसियत थी, लेकिन मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने के बाद उनके रिश्ते में दरार आने लगी. आरसीपी को तीसरी बार जेडीयू से राज्यसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला थी, जिसके चलते उन्हें मोदी कैबिनेट छोड़ना पड़ा था.

नीतीश ने दे दिया था अध्यक्ष का पद

साल 2016 में आरसीपी सिंह को जेडीयू ने दोबारा राज्यसभा भेजा और शरद यादव की जगह राज्यसभा में पार्टी का नेता भी मनोनीत किया था. नीतीश कुमार ने जब जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ा तो आरसीपी सिंह को ही पार्टी की कमान सौंपी थी.

अब RCP का नाम तक नहीं सुनना चाहते नीतीश

पिछले साल सितंबर में जब नीतीश कुमार से आरसीपी सिंह को लेकर मीडिया से सवाल पूछा था तो वह आगबबूला हो गए थे. तब उन्होंने कहा था कि क्या घटिया नाम ले रहे हैं, किसकी हैसियत क्या है, ये भी तो देखिए, आगे से अब उनका नाम मेरे सामने ना लें, वो थे क्या एक आइएएस, उन्हें निजी सचिव किसने बनाया, राजनीति में लेकर कौन आया.

नीतीश ने कहा था कि मैंने ही उन्हें (आरसीपी सिंह) राजनीति सिखाई, पार्टी में पद दिया और बीजेपी के साथ मिलकर साजिश कर रहे थे. अरे उसका क्या नाम ले रहे हैं. कौंची है ऊ, उसकी हैसियत क्या है, क्या वैल्यू है उसकी. मुझसे उसके बारे में सवाल मत पूछिये. मालूम हो कि आरसीपी सिंह उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी रह चुके हैं.

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आरसीपी पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

आरसीपी सिंह पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगे थे. इस मामले में जेडीयू ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया था. उन पर साल 2013 से 2022 के बीच जेडीयू में रहते हुए भ्रष्टाचार के जरिये अकूत संपत्ति बनाने के आरोप लगे थे, जिसमें नालंदा के दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन का मामला भी शामिल है. आरोप लगा था कि आरसीपी सिंह ने इन संपत्तियों का जिक्र अपने चुनावी हलफनामे में भी नहीं किया था और इसे जेडीयू से भी छिपाए रखा था. आरसीपी सिंह पर अपनी पत्नी के नाम में हेर-फेर करके भी जमीन खरीद लिया था.

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