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Chhapra Ground Zero: जो पियेगा वो मरेगा तो बेचने वाले का क्या होगा...नीतीश के बयान पर पीड़ित परिवारों का जवाब

जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिए बयान पर पीड़ित के परिजनों ने नाराजगी जाहिर की है. पीड़ित के परिजनों ने कहा कि जब पीने वाला मरेगा तो बेचने वाले का क्या होगा? उस पर क्या कार्रवाई होगी. अभी तक किसी भी ऐसे कारोबारी पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है.

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नीतीश कुमार पर भड़के पीड़ित के परिजन
नीतीश कुमार पर भड़के पीड़ित के परिजन

बिहार के छपरा में जहरीली शराब लोगों पर कहर बनकर टूटी है और मौत का आंकड़ा हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है. अब तक 46 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.

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ऐसे में विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान नीतीश कुमार के जहरीली शराब को लेकर दिए बयान पर अब छपरा में पीड़ित के परिजनों ने नाराजगी जताई है और सीएम से ही सवाल पूछ लिया है.

दरअसल नीतीश कुमार ने गुरुवार को जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा था कि 'जो पियेगा वो मरेगा ही'. इस पर पीड़ितों के परिवार ने सीधे-सीधे नीतीश कुमार पर जहरीली शराब बिकवाने का आरोप लगाया है.

नीतीश पर भड़के पीड़ित के परिजन

पीड़ित के परिजनों ने कहा कि जब पीने वाला मरेगा तो बेचने वाले का क्या होगा? उसपर क्या कार्रवाई होगी. अभी तक किसी भी ऐसे कारोबारी पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है और नीतीश कुमार इसके लिए सीधे जिम्मेदार हैं, उनके द्वारा ही इस तरह जहरीली शराब बिकवाई जा रही है जिससे गरीबों की जान जा रही है. उनको राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते सांत्वना देनी चाहिए लेकिन इसके बजाय वो ऐसी बात कह रहे हैं.

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ग्राउंड जीरो पर आज तक की टीम को एक ऐसा व्यक्ति मिला जिसने 3 लोगों के साथ मंगलवार को शराब का सेवन किया था. उसका कहना है कि उसने सिर्फ आधा ग्लास ही पिया था जबकि उसके साथ वाले दो लोगों ने जमकर शराब पी थी. अब उन दोनों की मौत हो गई है. उस व्यक्ति ने कहा उसने सिर्फ आधा ग्लास ही पिया था इसलिए आज वो जिंदा है.

जहरीली शराब कांड में अपना इकलौता बेटा गंवाने वाले बुजुर्ग ने कहा कि मुख्यमंत्री को हमलोगों की मदद करनी चाहिए, मेरा बेटा ही मेरा सहारा था, एक तो मेरे ऊपर दुख की घड़ी आई है उस पर मुख्यमंत्री इस तरह की बात कह रहे हैं.

पीड़ितों से मिलने पहुंचे बीजेपी नेता

वहीं शराबकांड के बाद बिहार में सरकार और विपक्ष भी आमने-सामने है. जहरीली शराब से जिन लोगों की मौत हो गई उनके परिजनों से मिलने के लिए बीजेपी विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा. 

विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा और विधान परिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी के नेतृत्व में बीजेपी विधायकों ने पीड़ित परिवारों से बातचीत की और इस मुद्दे पर सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई का ऐलान किया.

बीजेपी विधायकों ने जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को रोजगार और मुआवजा दिलाने के लिए सरकार पर दवाब डालने के लिए संघर्ष करने का भी आश्वासन दिया.

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थाने से स्प्रिट गायब होने पर उठे सवाल

जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद सारण के मशरक थाने में जब्त स्प्रिट के गायब होने पर भी अब लोग सवाल उठा रहे हैं. स्थानीय ग्रामीण पूछ रहे हैं कि क्या इसी वजह से लोगों की जान गई है.

स्थानीय लोग कह रहे हैं कि थाने में 210 लीटर स्प्रिट का एक ड्रम रखा हुआ था जो अब गायब है. ऐसी चर्चा है कि थाने के चौकीदारों ने उसे चोरी से बेच दिया था. हालांकि सारण के एसपी संतोष कुमार ने इसे महज अफवाह करार दिया है. 

ग्रामीण दबी जुबान से कह रहे हैं कि मशरक थाने के चौकीदारों ने इस ड्रम को चोरी छुपे शराब माफिया के हाथों बेच दिया. यही स्प्रिट कई अवैध शराब कारोबारियों ने खरीद कर इससे मौत देने वाली जहरीली शराब बनाई जिसको पीने से लोगों की जान जा रही है.

पप्पू यादव ने बीजेपी पर उठाए सवाल

हाल के दिनों में बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने बीजेपी पर हमला बोला है.

उन्होंने कहा, कहीं ना कहीं शराबबंदी कानून बनाने के समय वे लोग नीतीश कुमार के साथ समर्थन में थे, अब जिस प्रकार हाय तौबा मचा रहे हैं उन्हें सरकार से मिलजुलकर शराबबंदी कानून में संशोधन का पक्षधर होना चाहिए लेकिन वे लोग हाय तौबा मचा रहे हैं. उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि कहीं ना कहीं भाजपा भी इस शराबबंदी में शामिल है.

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