बिहार के यू-ट्यूबर मनीष कश्यप को राहत मिल गई है, पटना हाईकोर्ट ने मनीष कश्यप को जमानत दे दी है. 12 मार्च 2023 को हथकड़ी पहने एक व्यक्ति की ट्रेन में यात्रा करते हुए वीडियो अपलोड करने के मामले में मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. सार्वजनिक भावनाओं को भड़काने के लिए वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए आईपीसी और आईटी अधिनियम की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई थी. इस मामले में उन्हें बुधवार को जस्टिस सुनील कुमार पंवार की सिंगल बेंच ने कुछ शर्तों पर नियमित जमानत दे दी है.
मनीष कश्यप पर कानूनी शिकंजा तब कसा गया था, जब तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हिंसा को लेकर उस पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी वीडियो दिखाए जाने का आरोप लगा था. मनीष कश्यप की इस रिपोर्ट को तमिलनाडु पुलिस ने गलत बताते हुए उसके खिलाफ वहां मामला दर्ज किया था. तमिलनाडु सरकार ने मनीष कश्यप पर एनएसए भी लगाया था. हालांकि मनीष राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी गए थे, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने उसके खिलाफ लगाए गए एनएसए को हटाए जाने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दलीलें दी थी.
बता दें कि इसी साल अगस्त महीने में सुनवाई के दौरान पटना सिविल कोर्ट ने मनीष को बड़ी राहत दी थी. कोर्ट ने मनीष कश्यप को तमिलनाडु जेल वापस नहीं ले जाने का आदेश दिया था. वकील शिवनंदन भारती ने बताया था कि तमिलनाडु में मनीष कश्यप के खिलाफ कुल 6 मामले दर्ज हुए थे. जिस पर उन्हें डिफॉल्ट बेल मिल चुकी है. तब से ही मनीष पटना की बेउर केंद्रीय जेल में बंद हैं.
मनीष कश्यप पर अकेले बेतिया जिले में हीं उसपर तकरीबन 7 मामले दर्ज हैं. जिसमे भाजपा विधायक के साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के अलावा बैंक मैनेजर के साथ मारपीट का आरोप हैं. इस मामले उसकी कुर्की-जब्ती के बाद उसने थाने में सरेंडर भी कर दिया था. तब से मनीष कश्यप जेल में हीं बंद है.