बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रिमोट कंट्रोल के जरिए जीतन राम मांझी नीत बिहार की नई सरकार को चला रहे हैं.
पटना स्थित अपने आवास पर मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुशील ने मांझी द्वारा सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के किए गए विस्तार पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि वास्तविकता यह है कि नीतीश कुमार ने महत्वपूर्ण विभागों में अपने खास विश्वस्त लोगों को बैठा दिया है ताकि रिमोट से सरकार चला सकें.
उन्होंने दावा किया कि मंत्रिमंडल विस्तार के लिए तैयार मंत्रियों की सूची अंतिम समय में मांझी को दिखाई गई. सुशील ने आरोप लगाया कि मंत्रिमंडल विस्तार में मांझी का दखल बस इतना ही रहा पहले की सूची में शामिल विनोद कुमार सिंह का नाम कटवाकर अपने पसंद के विनोद कुमार यादव का नाम जुड़वा लिया. उन्होंने बीमा भारती के मंत्री के रूप में शपथ लिए जाने के समय शपथ प्रतिज्ञान पूरा पढना भूल जाने के बारे में कहा कि उससे बिहार शर्मिदा हुआ है.
सुशील ने बीमा भारती द्वारा अधूरा शपथ लिए जाने का दावा करते राज्यपाल से उन्हें दुबारा शपथ दिलाये जाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि मांझी मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री पी के शाही, डॉ. भीम सिंह और रमई राम के विभागों के बदले जाने के बारे में कहा कि ऐसा करके इन वरिष्ठ मंत्रियों को अपमानित किया गया है. उनकी जगह दूसरा कोई होता तो इस्तीफा दे देता.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील ने जीतन राम मांझी मंत्रिमंडल के विस्तार में समाज के अनेक महत्वपूर्ण वर्गो की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार के बाद जदयू में जारी आन्तरिक विवाद पर आगे-आगे होता है क्या, यह देखना महत्वपूर्ण होगा. उन्होंने दावा किया कि जदयू में जारी इस आंतरिक विवाद का असर सरकार के कामकाज पर पडेगा तथा विधि.व्यवस्था की समस्या और ज्यादा बढ़ेगी, जिसे नीतीश कुमार रोक नहीं पाएंगे.
सुशील ने कहा कि नीतीश कुमार चाहे जितना जोर लगा लें, बिहार के विकास की गाडी पटरी से उतर चुकी है। जबतक नई सरकार नहीं बनती, चाहे जिसकी भी बने, नया जनादेश नहीं लिया जाता है, यह सरकार तो किसी तरह चलती रहेगी, मगर अच्छा शासन कायम नहीं हो सकता है. विकास को गति देना संभव नहीं होगा.
उन्होंने आरोप लगाया कि वेंटिलेटर पर चल रही इस सरकार की चाभी तो नीतीश कुमार के पास है और इस सरकार में काम करने का माहौल खत्म हो चुका है. सुशील ने आरोप लगाया कि जोड़-तोड़ समीकरण बनाना और किसी तरह से सरकार को बचाये रखना नीतीश कुमार का मूल मंत्र हो गया है. विकास अब उनकी प्राथमिकता नहीं रही.
उन्होंने आरोप लगाया कि सुशासन की जगह अब सरकार का मंत्र जोड़-तोड़ और समीकरण बिठाना हो गया है. पहले नारा था न्याय के साथ विकास मगर अब नारा हो गया है समीकरण के साथ विकास. सुशील ने आरोप लगाया कि इसी तरह के समीकरण के आधार पर बिहार में लालू प्रसाद ने भी सात साल तक रिमोट से सरकार (राबडी देवी नीत सरकार) चलाया था. अब नीतीश कुमार भी ऐसा ही कर रहे हैं.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील ने बिहार में तीन-तीन मुख्यमंत्री एक साथ काम करने का आरोप लगाते हुए मांझी को ‘संवैधानिक सीएम’, नीतीश को ‘वास्तविक सीएम’ तथा नीतीश के विश्वस्त माने जाने वाले कल मंत्रिमंडल में शामिल किए गए राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का नाम लिए बिना उन्हें ‘सुपर सीएम’ बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि सुपर सीएम काफी ताकतवर हैं। पहले भी स्थानांतरण-नियुक्ति से लेकर सरकार के हर काम में उनकी चलती थी, अब एक बार फिर से चलेगी.
सुशील ने बिहार के अब राजनीतिक अस्थिरता के दौर में आ जाने का दावा करते हुए कहा कि अगर इसके लिए कोई एक अकेला व्यक्ति जिम्मेदार है तो वह नीतीश कुमार हैं. लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की विजय की ओर इशारा करते हुए सुशील ने कहा कि दृष्टि बाधित लोगों को भी आंधी का अहसास होता है, मगर नीतीश कुमार तो आंधी को ब्लोअर की हवा बताते रहे.