लोकसभा चुनाव में बिहार से शानदार कामयाबी हासिल करने के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने वर्ष 2020 के अंत तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखा है.
एनडीए में शामिल जेडीयू ने बिहार में 17 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से 16 पर जीत हासिल की. जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव के सी त्यागी ने इंडिया टुडे/आजतक को बताया कि हम बिहार के नतीजों से खुश हैं और हमारा अगला लक्ष्य राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना है.
जेडीयू अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है. अरुणाचल में 60 सदस्यीय विधानसभा में जेडीयू को 7 सीटों पर जीत मिली थी.
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार के नेतृत्व में बुधवार शाम को पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं की बैठक होने जा रही है. इसमें आगामी चुनावों के लिए रणनीति पर विचार होगा.
त्यागी ने कहा, “हमने अब अपने लिए 2020 के आखिर तक राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने का लक्ष्य रखा है. हमारी उपस्थिति दो राज्यों- बिहार और अरुणाचल प्रदेश में है. पूर्वोत्तर के इस राज्य में बीजेपी के बाद जेडीयू दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है.”
बिहार विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं. जेडीयू को उम्मीद है कि जेडीयू का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव में भी शानदार रहेगा और पार्टी बिहार की सत्ता में बनी रहेगी.
एनडीए को बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 39 पर जीत हासिल हुई है. जहां तक विधानसभा क्षेत्रों का सवाल है तो मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल को 18 विधानसभा सीटों को छोड़कर अधिकतर पर पिछड़ना पड़ा.
त्यागी ने कहा, “बिहार में अगला विधानसभा चुनाव जो हो होगा वो इलेक्शन नहीं सेलेक्शन होगा जैसा कि विशाल जनादेश इस बार उसे मिला.”
जेडीयू जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर भी उत्साहित है जो संभवत: अमरनाथ यात्रा संपन्न होने के बाद होंगे. पार्टी झारखंड में भी अपना खोया राजनीतिक दर्जा हासिल करने के लिए तैयारी कर रही है. झारखंड में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
कैसे मिलता है राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा?
एक राजनीतिक दल को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर मान्यता तभी मिलती है जब इसके उम्मीदवारों को कम से कम चार राज्यों में लोकसभा चुनाव या विधानसभा चुनाव में 6% वोट मिलें. इसके अलावा लोकसभा में उस पार्टी के कम से कम 4 सांसद हों.
एक और सूरत है अगर एक राजनीतिक दल के पास लोकसभा की कुल सीटों में से 2% सीटें मौजूद हैं और इसके उम्मीदवार कम से कम तीन राज्यों से आते हों या इसे कम से कम चार राज्यों में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा हासिल है.