उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछड़ों के नाम पर राजनीति करने वाले आरजेडी-कांग्रेस ने हमेशा पिछड़ों को धोखा दिया है. 1952 में गठित काका कालेलकर कमिटी की रिपोर्ट 1953 में आ गई थी, लेकिन कांग्रेस को उसे लागू करने की हिम्मत नहीं हुई थी. इसी प्रकार बीजेपी के सहयोग से 1977 में बनी मोरारजी की सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया, लेकिन 10 वर्षों तक कांग्रेस उसकी रिपोर्ट को लागू नहीं कर पाई.
पटना में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित जननायक कर्पूरी ठाकुर की 94 वीं जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को आरक्षण दिया जिसमें जनसंघ भी शामिल था. मंडल कमीशन की रिपोर्ट भी बीजेपी के समर्थन से चलने वाली वी पी सिंह की सरकार ने लागू की. जब 2005 में एनडीए की सरकार बनी तब जाकर स्थानीय निकाय के चुनाव में अति पिछड़ों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. आरजेडी-कांग्रेस ने तो 2002 में आरक्षण का प्रावधान किए बिना पंचायत का चुनाव करा दिया था.
पिछले विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने सर्वाधिक 25 अतिपिछड़ों को टिकट दिया जिनमें से 12 जीत कर आए. आरजेडी -कांग्रेस ने मात्र 5 को टिकट दिया. आज बीजेपी और जेडीयू के 23 विधायक अतिपिछड़ा वर्ग से हैं.
कक्षा 1 से 10 तक के 1 करोड़ अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रों को प्री मैट्रिक तथा 2.70 लाख छात्रों को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति दी जा रही है. 16 जिलों में कर्पूरी ठाकुर के नाम पर 3.5 करोड़ (प्रति छात्रावास) की लागत से छात्रावास का निर्माण कराया गया है. शेष 12 जिलों में 31 मार्च के पूर्व निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. इस साल मैट्रिक प्रथम श्रेणी में पास करने वाले 74 हजार अति पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को 10-10 हजार रुपये की मेधावृत्ति दी गई है. 15 जिलों में प्री एग्जाम ट्रेनिंग सेन्टर चलाये जा रहे हैं. अगले सत्र से शेष जिलों में भी सेन्टर की स्थापना कर दी जायेगी जहां बैंकिंग, रेलवे व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करायी जाती है.