बिहार की सियासत में एक बार फिर से गर्मी आने वाली है. पटना में राज्य कार्यालय में जो बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग लगाए गए हैं उन सभी में लालू प्रसाद छाए हुए हैं. बैनर और पोस्टर में तेजस्वी और राबड़ी देवी की भी तस्वीर मौजूद है. दिलचस्प बात यह है कि 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जब तेजस्वी यादव पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे तो उस वक्त उनकी छवि को बेदाग दिखाने के लिए लालू प्रसाद की तस्वीर सभी बैनर और वोटिंग से हटा दिए गए थे. उस वक्त लालू प्रसाद चारा घोटाले के मामले में जेल में भी थे.
अब जब आरजेडी अपना 25वां स्थापना दिवस मना रही है और लालू प्रसाद भी जमानत पर जेल से बाहर आ चुके हैं, ऐसे में आरजेडी सुप्रीमो की वापसी बैनर और होर्डिंग में हो चुकी है.
जनता दल यूनाइटेड ने खड़े किए सवाल
जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा, “विधानसभा चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने लालू और राबड़ी शासनकाल के दौरान हुई गलतियों के लिए माफी मांगी थी. उन्हें लगा था कि उनकी तस्वीर बैनर होर्डिंग में लगाने से वोटों का नुकसान हो सकता है इसलिए तेजस्वी ने अपने माता पिता की तस्वीर बैनर और पोस्टर से हटवा दिए थे. अब पार्टी की कोशिश में स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करना है तो लालू की तस्वीर पोस्टर पर वापस आ गई है. बिहार की जनता आरजेडी का असली चेहरा और चाल चरित्र अच्छे से जानती है.”
आरजेडी ने दिया जवाब
जनता दल यूनाइटेड के आरोपों का जवाब देते हुए आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि लालू प्रसाद जनता के दिलों में राज करते हैं और उनकी तस्वीर जनता के दिल में है. उन्होंने कहा कि “बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड ओछी राजनीति करने में भरोसा करते हैं. लालू प्रसाद जनता के दिलों में रहते हैं और उनकी तस्वीर जनता के दिल में है.”