scorecardresearch
 

बिहार में साथ चुनाव लड़ेगी जेडीयू और RJD: केसी त्यागी

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और संप्रदायवाद के खिलाफ कथित जंग के लिए एकजुट हुई 'जनता परिवार' को 'तकनीकी दिक्कतों' का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

Advertisement
X
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की फाइल फोटो
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद की फाइल फोटो

बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और संप्रदायवाद के खिलाफ कथित जंग के लिए एकजुट हुई 'जनता परिवार ' में 'तकनीकी दिक्कतों' की खबरों जेडीयू नेता केसी त्यागी ने खारिज किया है. त्यागी ने कहा है कि बिहार में जेडीयू और आरजेडी साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है.

Advertisement

जेडीयू नेता का यह बयान ऐसे समय आया है, जब ऐसी खबरें आईं कि राज्य में नवंबर में होने वाले चुनाव में लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल और शरद यादव की जनता दल यूनाइटेड अलग-अलग चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

इन खबरों के पीछे तर्क दिया गया कि जनता परिवार के विलय की आधि‍कारिक घोषणा होने के बावजूद अभी तक इस 'महादल' के लिए 'एक चिन्ह, एक झंडा और एक नेता' पर निर्णय नहीं किया जा सका है. एक अंग्रेजी अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि 'तकनीकी मसलों' की वजह से दोनों पार्टियों समेत जनता परिवार की सभी छह पार्टियों का एक चुनाव चिन्ह के नीचे आना विधानसभा चुनाव से पहले संभव नहीं है.

इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि आरजेडी सांसद प्रेम गुप्ता ने समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव के उस बयान पर सहमति जताई है, जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले जनता परिवार के महाविलय की प्रक्रिया पूरी होने की संभावना से इनकार किया था. प्रेम गुप्ता ने भी माना कि कुछ तकनीकी मुद्दों की वजह से महाविलय की प्रक्रिया को होल्ड पर रखना पड़ा है.

Advertisement

पहले आई थी सीट बंटवारे की खबर
गुप्ता आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद के नजदीकी माने जाते हैं. वह कहते हैं, 'धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए हमें साथ आने की जरूरत है, इस बात पर सभी सहमत हैं. लेकिन कुछ टेक्निकल इश्यूज हैं. जैसे कि अगर सभी पार्टियों का एक में विलय हो जाता है तो उनके चुनाव चिन्हों का क्या होगा. हमें सबको शामिल करना है.' उन्होंने कहा कि बीजेपी को पूरी ताकत से रोकने के लिए जेडीयू और आरजेडी सीट बंटवारे का समझौता करेंगे.'

हालांकि पिछले दिनों यह भी खबर आई थी कि आरजेडी और जेडीयू के बीच प्रदेश में सीटों का बंटवारा हो गया है और दोनों दल 100-100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

चिन्ह और झंडे के लिए कमिटी बनी: नीतीश
दूसरी ओर, पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहकर 'टेक्निकल इश्यूज' के डर को नजरअंदाज कर दिया कि विलय तो हो चुका है. नीतीश ने कहा, 'मुलायम सिंह यादव नई पार्टी के अध्यक्ष और इसके संसदीय बोर्ड के चेयरमैन पहले ही बनाए जा चुके हैं. इतना ही नहीं नई पार्टी की नीतियां, इसका झंडा और चुनाव चिन्ह तय करने के लिए सात सदस्यीय कमिटी का गठन भी हो चुका है.'

सूत्रों का कहना है कि हालिया गतिविधियों से बिहार में बीजेपी को रोकने की विरोधियों की कोशिशों को झटका लगता दिख रहा है. इससे बीजेपी को सीधा फायदा होगा, जो दिल्ली चुनाव में हार से उबरने के लिए बिहार में जीतना चाहेगी.

Advertisement

Advertisement
Advertisement