जातीय जनगणना के मसले पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 11 नेताओं के डेलिगेशन ने पीएम मोदी से मुलाकात की. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव भी सीएम नीतीश के साथ पीएम मोदी से मिलने पहुंचे थे. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव काफी समय से जातिगत आधार पर जनगणना की मांग को लेकर मुखर रहे हैं.
पीएम मोदी से मुलाकात के पहले तेजस्वी यादव अपने पिता और आरजेडी के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से भी मिले. तेजस्वी ने जातिगत आधार पर जनगणना के फायदे गिनाए और कहा कि जातिगत जनगणना से एक वैज्ञानिक डेटा सामने आएगा. जातिगत जनगणना से पता चलेगा कि कौन क्या कर रहा है? कौन परिवार गरीब है? तेजस्वी यादव ने कहा है कि जातिगत जनगणना से इन सबकी स्पष्ट तस्वीर सबके सामने आएगी.
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि कुछ लोग कहते हैं कि जातिगत जनगणना से भेदभाव होता है तो धर्म के आधार पर भी गिनती नहीं होनी चाहिए. आपको स्पष्ट तस्वीर मिलेगी. हमलोग हर बिंदु प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे. उन्होंने कहा कि मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना कराने से साफ मना कर दिया था लेकिन सरकार को जातिगत जनगणना करानी ही होगी.
किसानों की भी होनी चाहिए गणना
तेजस्वी यादव ने कहा कि पेड़-पौधे, जानवरों की गिनती भी होती है. किसानों की भी होनी चाहिए. धर्म की होती है, अनुसूचित जाति-जनजाति की होती है तो जातिगत आधार पर भी होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को कई बार फैसले बदलने भी पड़ते हैं. तेजस्वी यादव ने उम्मीद जताई कि सरकार जातिगत आधार पर जनगणना न कराने का फैसला भी बदलेगी.
पीएम से मुलाकात के बाद क्या बोले तेजस्वी
तेजस्वी ने पीएम से मुलाकात के बाद कहा कि यह ऐतिहासिक काम होगा जिससे देश के गरीबों को इसका लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि मंडल कमीशन से पहले किसी को पता ही नहीं था कि देश में कितनी जातियां हैं. हम ये जानना चाहते हैं कि जातीय आधार पर जनगणना आखिर क्यों नहीं होनी चाहिए. किसी भी सरकार के पास आंकड़े नहीं हैं जिससे कल्याणकारी योजनाओं के निर्माण में बाधा आएगी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी बात गंभीरता से सुनी है. अब निर्णय का इंतजार है. उन्होंने कहा कि हम केवल बिहार की जातीय जनगणना के लिए नहीं, पूरे देश की जनगणना के लिए प्रधानमंत्री से मिले थे. बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि जब जातीय आधार पर जनगणना पर जातीय बवाल होने की आशंका है तो धार्मिक आधार पर जनगणना भी बंद होनी चाहिए, इससे दंगे की आशंका रहेगी.