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'खुले में सांस कैसे ले रहे हैं... पता नहीं है क्या?' ठाकुर विवाद में चेतन आनंद पर RJD का खुलकर हमला

बिहार में मनोज झा की संसद में टिप्पणी पर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. अब राजद खुलकर मनोज झा के बचाव में उतर आई है. RJD के प्रवक्ता शक्ति यादव ने पार्टी विधायक चेतन आनंद पर हमला बोला और एहसान गिनाए. शक्ति ने कहा, आज राजद की वजह से खुले में सांस ले रहे हैं. किस गर्त में थे, कोई पूछता था क्या? हमने (राजद) सम्मान दिया. पहचान दिया है. नई राह दी है.

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RJD सांसद मनोज झा की टिप्पणी पर विधायक चेतन आनंद ने नाराजगी जताई थी. अब राजद ने खुलकर झा का समर्थन किया है.
RJD सांसद मनोज झा की टिप्पणी पर विधायक चेतन आनंद ने नाराजगी जताई थी. अब राजद ने खुलकर झा का समर्थन किया है.

बिहार में आरजेडी नेता मनोज झा की राज्यसभा में टिप्पणी को लेकर विरोध तेज हो गया है. खुद RJD में ही ठाकुर बनाम ब्राह्मण विवाद गहराता जा रहा है. ठाकुर समाज के नेता मनोझ झा पर हमला बोल रहे हैं. हालांकि, आरजेडी हाईकमान खुलकर मनोज झा के साथ खड़ा देखा जा रहा है और बयान का समर्थन कर रहा है. अब आरजेडी के नेता और प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा है कि मनोज झा ने कोई गलत बात नहीं कही है. यह जो विवाद छेड़ा जा रहा है, यह दिल्ली से प्रायोजित है. हमारी पार्टी राजद किसी जाति विशेष के खिलाफ नहीं है.

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शक्ति यादव ने आगे कहा, विधायक जी (चेतन आनंद) का नाहक बयान है. मनोज झा ने जो भी कहा है, वो प्रवृत्ति के खिलाफ कहा है. प्रवृत्तियों की तरफ इशारा था. वो प्रवृत्ति हर किसी में है. हर जगह है. कोर्ट से लेकर संसद तक है. उसे मारने की बात कही है. झा ने यह भी कहा कि इसे जाति से जोड़कर ना देखा जाए. हमारे आदर्श तो वीपी सिंह जी हैं. यह बात सभी को धीरे-धीरे समझ में आ रहा है. समाज में जो लोग अत्याचार कर रहे हैं, उसे बताया है. कुछ लोग कहां हैं, क्या कर रहे हैं- पता नहीं है? और जो क्षत्रिय समाज (राजपूत) है, उसे पता नहीं है कि आदमी खुले में सांस कैसे ले रहे हैं? 

'बिना मर्म समझे बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण'

शक्ति ने कहा, चेतन से, चेतन आनंद बनाया. किस गर्त में लोग थे और हवा में सांस लेने के मोहताज थे- यह सब बताने की जरूरत है. लेकिन अगर कोई शब्दों के मर्म को समझे बिना अपनी अभिव्यक्ति देता है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. समाजवाद कभी दबंगई प्रवृत्ति को स्वीकार नहीं करता है. हम लोग उसी के खिलाफ लड़ते आए हैं. ठाकुर टाइटल को देखें तो हर वर्ग में ठाकुर टाइटल है. राय टाइटल हर वर्गों में है. मनोज झा जी ने जो कहा है, वो उन प्रवृत्तियों की ओर इशारा है.

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'कविता में प्रवृत्तियों को मारने की बात कही'

चेतन आनंद के बयान का बीजेपी के समर्थन करने पर शक्ति यादव ने कहा, इसी से समझ लीजिए कि पहले दाल में काला था. अब पूरी दाल ही काली है. अब तो समझने के लिए कुछ बचा ही नहीं है. प्रवृत्तियों के खिलाफ वक्तव्य दिया और वो ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता थी. उसमें प्रवृत्तियों को मारने की बात कही है. आज उसे जाति पर लेकर जा रहे हैं. कुछ लोग की अपनी व्यक्तिगत आकांक्षा... हीनता की ओर लेकर जाती है तो वो ठीक नहीं है. क्षत्रिय समाज दमनकारी नहीं होता है. वो गरीबों की रक्षा करता है. दमन करने वाला किसी भी जाति और धर्म में हो सकता है.

'विवाद पर लालूजी को देना चाहिए जवाब'

वहीं, इस पूरे विवाद में बीजेपी भी कूद गई है और आरजेडी पर हमला बोल रही है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, इस मामले में लालू जी को जवाब देना चाहिए. लालूजी की पार्टी सदा से सामाजिक विषमता में विश्वास रखती है. समाज में कैसे एक दूसरे से झगड़ा लगे, ये बराबर उनकी योजना रहती है. किसी भी समाज को किसी को आहत करने का अधिकार नहीं है.

बीजेपी ने आरजेडी नेताओं के पुतले जलाए

इससे पहले बुधवार को बिहार में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सांसद मनोज झा की टिप्पणी के विरोध में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव के पुतले जलाए. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्यसभा में झा के भाषण ने राजपूतों को अपमानित किया, जिन्हें देश के कुछ हिस्सों में 'ठाकुर' के नाम से भी जाना जाता है.

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'संसद के विशेष सत्र का वीडियो वायरल'

बता दें कि राजद प्रवक्ता मनोज झा ने संसद के विशेष सत्र में प्रसिद्ध दलित लेखक ओम प्रकाश वाल्मिकी की कविता 'ठाकुर का कुआं' पढ़कर सुनाई थी. यह कविता सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. राज्यसभा सांसद ने अपने भाषण में समाज के कमजोर वर्गों की महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए एक भावपूर्ण दलील दी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम महिलाओं को संसद और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें देने में विफल रहा है.

'बीजेपी नेताओं ने भी झा की टिप्पणी पर जताई आपत्ति'

मनोज झा के भाषण पर बीजेपी नेताओं ने आपत्ति जताई. पूर्व मंत्री नीरज कुमार सिंह 'बबलू' ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने अपने सांसद के जरिए संसद के अंदर ठाकुरों के साथ दुर्व्यवहार करने की साजिश रची है. बबलू ने चेतावनी दी, जब तक तेजस्वी और उनके सांसद माफी नहीं मांगते, तब तक यह गुस्सा पूरे बिहार की हर पंचायत में फैल जाएगा.

'अपने नाम में झा हटाने की चुनौती देता हूं' 

देखने को मिल रहा है कि इस विवाद ने राजद में भी राजपूतों को परेशान कर दिया है. पार्टी विधायक चेतन आनंद का एक नाराजगी भरा बयान आया. उन्होंने कहा, मनोज झा ने अंदर के ठाकुर को मारने की बात कही है. उन्हें पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारना चाहिए. मैं अपनी जाति के उपनाम का इस्तेमाल नहीं करता. मैं उन्हें अपने नाम में झा हटाने की चुनौती देता हूं. बता दें कि चेतन के पिता आनंद मोहन इस साल की शुरुआत में जेल से बाहर आए हैं. वो एक आईएएस अधिकारी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. झा की टिप्पणी पर सहयोगी दल जेडीयू ने भी किनारा कर लिया. 

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इससे पहले मीडिया के सवाल के जवाब में राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी और मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि भाजपा अनावश्यक विवाद पैदा कर रही है. उन्होंने कहा, कविता में 'ठाकुर' शब्द का इस्तेमाल एक रूपक के रूप में किया गया था. यह किसी समुदाय को टारगेट नहीं करता है. इसलिए, इसे असंसदीय नहीं माना गया.

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