2019 के लोकसभा चुनाव से पहले ही बिहार आरजेडी में आपसी सिरफुटौव्वल मच गई है. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में उम्मीदवार के नाम को लेकर विवाद के हालात बन गए हैं. इसे लेकर लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव और मनेर के आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र आमने-सामने हैं.
तेजप्रताप ने गुरुवार को वीरेंद्र के बारे में कहा था कि उनकी क्या औकात है. पाटलिपुत्र से उनकी बहन मीसा भारती ही चुनाव लड़ेंगी. इस मामले में भाई वीरेंद्र भी पीछे नही हैं. उन्होंने भी तेज प्रताप यादव को हैसियत बताते हुए कहा कि हमारे नेता लालू प्रसाद यादव हैं औरविधायक दल के नेता तेजस्वी यादव हैं. भाई वीरेन्द्र ने आगे कहा कि देखिए ऐसी छोटी-मोटी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.
तेजप्रताप यादव इनदिनों पूरे फॉर्म पर हैं. जबसे वे रांची में अपने पिता लालू प्रसाद यादव से मिलकर आए हैं. तबसे लगातार पटना में जनता दरबार लगा रहे हैं. इस दरबार में जनता की समस्या सुनने की बजाए राजनीति पर उनका ध्यान ज्यादा रहता है. इसलिए अपनी बहन मीसा भारतीके लिए फील्डिंग करते हुए कहा उन्होंने कहा कि मीसा ही पाटलिपुत्र लोकसभा चुनाव क्षेत्र से गठबंधन की उम्मीदवार होंगी.
इस मामले में बीच-बचाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने भाई वीरेंद्र को अपने निवास पर बातचीत के लिए बुलाया था. बातचीत के बाद भाई वीरेंद्र ने 'ऑल इज वेल' कहते हुए किसी भी तरह की नाराजगी की बात को खारिज कर दिया था. विधायक वीरेंद्र के मुताबिक, उनकी पार्टीका ध्यान सिर्फ एनडीए सरकार को गद्दी से हटाना है. जो देश को तोड़ना और बांटना चाहती है.
साथ ही उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह मिसअंडरस्टैंडिंग का मामला है. हमारे आईकॉन हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव जी हैं. वह हमारे भगवान हैं और उनका आशीर्वाद रहेगा. निश्चित रूप से जिसको भी वे टिकट दे देंगे, मैं उसकी मदद करने को तैयार हूं. मैं कल भी इसीबात पर कायम था, आज भी कायम हूं और कल भी रहूंगा.
जनता दल यूनाइटेड ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी में मुख्य प्रवक्ता की कोई औकात नहीं है तो दूसरे नेताओं की क्या हैसियत होगी.
पार्टी के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि भाई वीरेंद्र आत्मसम्मान बेचकर उस परिवार की सेवा में लगे हुए हैं. वे आरजेडी में जाने से पहले हमारे दल से विधायक थे. उनसे पूछिए कि हमने कभी उनके सम्मान को कभी ठेस पहुंचाई? लेकिन यहां पर इस परिवार और पार्टी में किसी का सम्माननहीं है. ऐसी पार्टी में रहने से अच्छा राजनीति छोड़ दें. हालांकि शुक्रवार को तेजप्रताप यादव के तेवर भी ढीले दिखे. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब लालू यादव ही फैसला करें.