बिहार में आरजेडी सांसद मनोज झा की राज्यसभा में टिप्पणी को लेकर राजनीतिक बवाल मचा है. इस बीच, पहली बार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने गुरुवार को बयान दिया और झा का खुलकर समर्थन किया. लालू ने अपनी पार्टी के विधायक चेतन आनंद की आलोचना भी की. उन्होंने कहा कि मनोज ने बिल्कुल ठीक कहा है. किसी जाति का अपमान नहीं किया है. लालू ने कहा, जो लोग मनोज झा के बयान पर शोर मचा रहे हैं, वे अपनी जाति का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए.
बता दें कि महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान आरजेडी प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा पर अपने संसदीय भाषण में 'ठाकुरों' का अपमान करने का आरोप लगाया गया है. मनोज झा की टिप्पणी पर आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने नाराजगी जताई थी और खुलकर विरोध किया था. इस मामले में चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन और उनकी बेटी सुरभि आनंद ने भी मनोज झा पर हमला बोला था. हालांकि, आरजेडी लगातार मनोज झा के बयान का समर्थन करती आ रही है.
'उनका इरादा किसी का अपमान करना नहीं था'
अब पहली बार पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद का बयान आया है. लालू ने कहा, मनोज झा एक विद्वान व्यक्ति हैं. उन्होंने जो कहा है वह बिल्कुल सही है. उनका इरादा राजपूतों/ठाकुरों या किसी अन्य समुदाय का अपमान करने का नहीं था.
'उनके पास इतनी बुद्धि कम है...'
लालू ने चेतन आनंद और आनंद मोहन की टिप्पणियों पर तंज भी कसा और कहा, जब उनके पास इतनी कम बुद्धि है तो क्या कर सकते हैं. दरअसल, आनंद फैमिली ने झा पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि जो लोग कहते हैं कि अपने अंदर के ठाकुर को मारने की जरूरत है, मैं उनसे कहूंगा कि वो अपने अंदर के ब्राह्मण को मारें.
'नीतीश से मुलाकात पर कहा- हम गठबंधन के सहयोगी'
लालू प्रसाद ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मुलाकात के बारे में पूछे गए सवालों पर भी जवाब दिया. लालू ने कहा, 'वे मुख्यमंत्री हैं. हम गठबंधन में सहयोगी हैं. वे कई बार मेरे घर आ जाते हैं. आज मैंने उनसे मिलने का फैसला किया. कोई बड़ी बात नहीं है. बताते चलें कि इस मुलाकात को लेकर मीडिया के एक वर्ग में अटकलें तेज हो गई थीं कि जदयू नेता ठाकुर विवाद से नाखुश हैं और राजद सुप्रीमो इस संबंध में बात करने गए थे.
'मनोज झा को वाई कैटेगिरी की सुरक्षा जाए'
इससे पहले राजद के प्रदेश प्रवक्ता ऋषि मिश्रा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा और बिहार के कई बीजेपी नेताओं के बयानों पर ध्यान आकर्षित कराया और झा के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग की. मिश्रा ने विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह और नीरज कुमार सिंह 'बबलू' की टिप्पणियों का हवाला दिया, जिनमें दोनों ने झा को चेतावनी दी थी. मिश्रा ने कहा, झा एक शांत शख्सियत हैं और सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार से सम्मानित हैं. उन्होंने गृह मंत्री से खतरे की आशंका पर गंभीरता से ध्यान देने का आग्रह किया.
विवाद क्यों? किसने क्या कहा....
- दरअसल, 21 सितंबर को राज्यसभा में आरजेडी के सांसद मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता पढ़ी, इस कविता का नाम था- ठाकुर का कुआं. मनोज झा ने भाषण में कहा था कि हमें अंदर बैठे हुए ठाकुर को मारने की जरूरत है. मनोज के कविता पढ़ने के हफ्तेभर बाद अब इसे मुद्दा बना लिया गया है. आरजेडी के ही ठाकुर नेता कह रहे हैं कि मनोज झा ब्राह्मण हैं और उन्होंने ठाकुरों का अपमान किया है. जेडीयू के नेता भी मनोज झा पर हमला कर रहे हैं.
- आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने कहा, समाजवाद के नाम पर किसी एक जाति को टारगेट करना दोगलापन है. ठाकुर समाज सभी को साथ लेकर चलता है. हम सदन में होते तो मनोज झा को ऐसा बोलने नहीं देते, हम ये सब बर्दाश्त नहीं करेंगे. मनोज झा के बयान से तेजस्वी यादव के राजद को A to Z की पार्टी बनाने के कदम को झटका लगा है. मनोज झा ब्राह्मण हैं इसीलिए उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ किसी कविता का इस्तेमाल नहीं किया.
- पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा, अगर वे मनोज झा के भाषण के दौरान राज्यसभा में होते तो वे जीभ खींचकर आसन की ओर उछाल देते. वे ऐसे शख्स हैं जो अपनी ही सरकार के खिलाफ बंदूक उठाकर लड़े हैं ताकि आपकी अस्मिता की रक्षा की जा सके. अगर मैं होता राज्यसभा में तो जीभ खींचकर आसन की ओर उछालकर फेंक देता... सभापति के पास. ये अपमान नहीं चलेगा. ये बर्दाश्त नहीं होगा. हम जिंदा कौम के लोग हैं. अगर आप इतने बड़े समाजवादी हैं तो झा क्यों लगाते हैं. जिस सरनेम की आप आलोचना करते हैं उसको तो आप छोड़कर आइए.
- बीजेपी के ठाकुर विधायक भी नाराज हैं. विधायक नीरज कुमार बब्लू बोले कि अगर वह विधायक की जगह राज्यसभा सांसद होते और राज्यसभा में मौजूद होते तो वहीं मनोज झा का मुंह तोड़ देते. जेडीयू के MLC संजय सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि क्षत्रिय गर्दन कटवा भी सकता है और काट भी सकता है इसलिए सोच समझकर बयानबाजी की जाए.