आरजेडी सांसद पप्पू यादव ने डॉक्टरों की फीस पर लगाम कसने की अपनी मुहिम तेज कर दी है. पप्पू ने प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ अब जन अदालत लगाने का ऐलान कर दिया है.
डॉक्टरों पर अपने फरमान का कोई असर नहीं पड़ने से खफा सांसद 13 अक्टूबर को सहरसा के पटेल मैदान में जन अदालत लगाएंगे. वहां इसके लिए पूरे राज्य से लोग बुलाए जा रहे हैं, जिसमें मनमानी करने वाले, ज्यादा फीस वसूलने वाले, जांच के नाम पर मरीजों से उगाही करने वाले, दवा कंपनियों से कमीशन लेने वाले डॉक्टरों के खिलाफ मुहिम तेज की जाएगी. साथ ही बिहार में भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर नार्सिग होम एक्ट लागू करने की मांग होगी.
पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पप्पू यादव ने ऐलान कर दिया कि अब जनता की रायशुमारी करके वे 'विलेन' डॉक्टरों के खिलाफ मुहिम छेड़ेंगे. वैसे डॉक्टर इसकी चपेट में आएंगे, जो गरीब जनता का खून चूस रहे हैं.
पप्पू यादव ने कहा, '90 फीसदी डॉक्टर जल्लाद हैं, नरपिशाच हैं. ये गरीबों का खून चूसते हैं. इनके खिलाफ 13 अक्टूबर को सहरसा में जन अदालत लगाकर अभियान शुरू करेंगे.'
पप्पू यादव का कहना है कि वे यह सब पब्लिक से पूछकर करेंगे. उन्होंने कहा, 'गांव-गांव में डॉक्टरों के खिलाफ रायशुमारी शुरू करेंगे. आज से खगड़िया से डॉक्टरों के खिलाफ रायशुमारी की शुरुआत हो चुकी है. लोगों से पूछा जाएगा कि कैसे मिले ऐसे डॉक्टरों से मुक्ति? यह भी बताया जाएगा कि कौन-कौन से डॉक्टर विलेन हैं.'
पप्पू यादव यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा, 'प्राइवेट अस्पताल और कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे जांच घर खून चूसने वाले और जल्लाद जैसे बन गए हैं. एम्बुलेंस और आशा वर्कर के माध्यम से दलाली हो रही है.'
पप्पू यादव ने कहा, 'प्राइवेट प्रैक्टिस करने वालों के घर महंगी गाड़ियां कहां से आ रही हैं? दवाई कंपनियां डॉक्टरों को दिल्ली में जमीन दे रही हैं.'
पप्पू ने कहा कि आईएमए जैसी संस्था राजनीति का अड्डा हो गई है. ये सिर्फ अपनी राजनीति करती हैं, इन्हें बिहार की जनता से कोई मतलब नहीं है. ये अपने गिरेबान में झांककर देखें कि ये जनता को लूटते कैसे हैं.
डॉक्टरों के खिलाफ बोलते हुए पप्पू ने सरकार के सामने कई मांगें रखी हैं. ये हैं उनकी मांगें...
1. सभी सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का इलाज सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही होना चाहिए.
2. सभी सरकारी डॉक्टरों का प्राइवेट प्रैक्टिस बंद होना चाहिए.
3. सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पढ़कर डॉक्टर बनने वालों के प्राइवेट अस्पतालों में काम करने पर रोक लगनी चाहिए.
अपने ही सरकार के खिलाफ बोलने पर जब पप्पू यादव से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'सरकार का डर अधिकारियों में खत्म ही हो गया है. नीतीश के हटने के बाद अधिकारी बेलगाम हो गए हैं. नीतीश के वक्त अधिकारियों में डर था, लेकिन आज वह डर नहीं रहा.'