जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में चल रहा राजनीतिक संघर्ष आज पटना में आरजेडी के मंच तक पहुंचा गया है. पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव लालू प्रसाद यादव की रैली में शामिल होने पहुंच गए हैं.
पटना में आयोजित इस रैली को 'बीजेपी हटाओ देश बचाओ' का नाम दिया गया है. अब बिहार में जेडीयू-बीजेपी गठबंधन की सरकार है. ऐसे में इस रैली में हिस्सा लेना नीतीश कुमार को शरद यादव की खुली चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
शरद यादव के रैली में पहुंचते ही जेडीयू ने शीत युद्ध के सीधे युद्ध में तब्दील होने के संकेत भी दे दिए. पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि रैली में शामिल होकर शरद यादव ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है.
केसी त्यागी ने कहा कि शरद यादव ने अपने दशकों की मेहनत दांव पर लगा दी है. उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी की अनुशासन समिति रैली पर नजर रखेगी और देखेगी कि वो क्या बोलते हैं. त्यागी ने कहा कि अब उनके खिलाफ कुछ भी हो सकता है.
जेडीयू ने दी थी रैली में न जाने की चेतावनी
जनता दल यू के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता के सी त्यागी ने शरद यादव को इस संबंध में बाकायदा पत्र लिखा था. उन्होंने लिखा था, ''अखबारों में आरजेडी की रैली में आपके शामिल होने का बयान पढ़ कर आश्चर्य और दु:ख हुआ क्योंकि आरजेडी ने इस रैली का आयोजन अपने परिवार के लोगों के भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए किया है. इस रैली में आपकी उपस्थिति से निश्चित होगा कि आपने न सिर्फ उच्च आदर्शों और सिद्धांतों के खिलाफ आचरण किया है बल्कि स्वेच्छा से जदयू का त्याग भी कर दिया है.''
पार्टी पर अधिकार को लेकर तकरार
इतना ही नहीं नीतीश कुमार और शरद यादव में पार्टी नेतृत्व को लेकर भी खींचतान चल रही है. शरद यादव के नेतृत्व वाले जदयू गुट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग में जाकर दावा किया कि वह ''असल'' पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हैं. गुट ने इस बात का भी दावा किया कि राष्ट्रीय परिषद के ज्यादातर सदस्य उनके साथ हैं.
राज्यसभा सदस्यता होगी रद्द
सूत्रों के मुताबिक जेडीयू राज्यसभा चेयरमैन को जल्द खत लिखेगी और शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की मांग करेगी. जेडीयू की दलील है कि शरद यादव पार्टी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं. जेडीयू के मुताबिक, संविधान की दसवीं सूची के क्लॉज 2 का सहारा लेगी.