आरजेडी प्रमुख लालू यादव की पार्टी ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का कॉमन उम्मीदवार घोषित करने की मांग को खारिज कर दिया है. आरजेडी के इस फैसले के बाद दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर किए जा रहे प्रयासों को बड़ा झटका लगा है.
दोनों पार्टियों के बीच चल रही बातचीत से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक आरजेडी उन शर्तों का हमेशा विरोध करती रही, जिसमें जेडीयू राज्य में बीजेपी को हराने के लिए दोनों पार्टियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की बात कहती रही है.
सूत्रों ने कहा आरजेडी के मध्यस्थों को जेडीयू के हाथों निराशा का सामना करना पड़ा. नीतीश कुमार की पार्टी का कहना था कि लालू प्रसाद मुख्यमंत्री पद की रेस से बाहर है. लिहाजा नीतीश कुमार इस 'सेकुलर' गठबंधन के स्वाभाविक उम्मीदवार हैं अगर दोनों पार्टियों का गठबंधन इस साल के आखिर में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हरा देता है.
सूत्रों का कहना है कि आरजेडी इस बात को लिखित तौर पर देने को तैयार थी कि नीतीश कुमार ही इस 'सेकुलर' गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.
हालांकि दोनों पार्टियों के बीच बातचीत में जेडीयू के मध्यस्थ इस बात पर अड़े रहे कि आरजेडी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित करे. दूसरी ओर आरजेडी की दलील है कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में घोषित करना 'यादव' वोटरों को नाराज कर सकता है. इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ेगा.