बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में भी अंदर ही अंदर घमासान मचा है. आरजेडी में अंतर्कलह की छह माह पहले लिखी गई पटकथा की परतें अब खुलने लगी हैं. भले ही पार्टी के नेता ऑल इज वेल का संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ऐसा है नहीं.
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की पार्टी की इनसाइड स्टोरी ये है कि कभी लालू प्रसाद के खासमखास रहे श्याम रजक बिहार प्रदेश आरजेडी के नए प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं.
आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए श्याम रजक नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव के पसंदीदा कैंडिडेट हैं लेकिन पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को उनपर भरोसा नहीं है. श्याम रजक पर जिन नेताओं को भरोसा नहीं है उन नेताओं में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के नाम भी शामिल हैं. वजह भी साफ है कि एक वक्त लालू प्रसाद के काफी नजदीकी माने जाने वाले श्याम रजक ने बुरे वक्त में लालू प्रसाद का साथ छोड़कर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हो चले थे.
अब जरा छह माह पीछे चलते हैं कि आखिर ऐसी कौन सी बात थी जिस बात को लेकर आरजेडी में घमासान मचा और लालू प्रसाद के कहने पर बिहार में पार्टी की बागडोर संभालने वाले जगदानंद सिंह ने अध्यक्ष पद छोड़ने का मन तभी बना लिया. लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह के बीच इसी साल जनवरी में पार्टी के पटना दफ्तर में तकरार हुई थी. तेजप्रताप ने पार्टी दफ्तर जाकर कुछ ऐसी हरकत की जो जगदानंद सिंह को नागवार लगी थी और तभी उन्होंने ठान लिया कि वे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे.
बिहार में 2020 विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद ने जगदानंद सिंह को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का जिम्मा यह कर सौंपा था कि वो जेल में हैं, ऐसे में पार्टी चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करे और तेजस्वी प्रदेश का मुख्यमंत्री बनें. लालू ने कहा था कि ऐसी स्थिति में आपसे बेहतर अध्यक्ष पार्टी के लिए दूसरा और कोई नहीं हो सकता. लालू प्रसाद ने जगदानंद सिंह को पार्टी का अध्यक्ष बनाकर राजपूत जाति को भी गोलबंद करने की कोशिश की थी. लालू प्रसाद की गैर मौजूदगी में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता. हालांकि, तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज नहीं हो सके.
इस्तीफे का जगदानंद ने किया खंडन
आरजेडी में छह महीने बाद हलचल फिर तेज हो गई. बिहार के सियासी गलियारों में तेजी से ये अफवाह भी फैली कि जगदानंद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, खुद जगदानंद सिंह ने इस्तीफे का खंडन किया लेकिन अंदर से खबर ये है कि वे अब प्रदेश अध्यक्ष बने रहना नहीं चाहते. यही वजह है कि वे लालू प्रसाद से मिलने दिल्ली गए तो पीछे से तेजस्वी यादव भी दिल्ली पहुंचे.
सूत्रों की मानें तो जगदानंद सिंह ने लालू प्रसाद से भी साफ शब्दों में कह दिया कि उनको जो जिम्मेदारी उनकी ओर से दी गई थी, उसका बखूबी निर्वहन कर दिया. अब इस पद पर बने रहना नहीं चाहता. सूत्रों का कहना है कि लालू प्रसाद ने जगदानंद सिंह को मनाने की भी काफी कोशिश की लेकिन वे नहीं माने. जगदानंद ने लालू को इतना भरोसा जरूर दिया कि अगले अध्यक्ष के नाम पर मुहर लगने तक वे अध्यक्ष बने रहेंगे. इसी कारण जगदानंद ने लालू प्रसाद से मिलने से बाद कहा कि पार्टी में सब कुठ ठीक-ठाक है. तेज प्रताप का मामला कोई मुद्दा नहीं है.
पिछड़ा-दलित कार्ड खेलना चाह रहे तेजस्वी
खबर ये है कि आरजेडी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष के लिए तेजस्वी यादव ने श्याम रजक के नाम पर वीटो लगा दिया है. तेजस्वी पिछड़ा और दलित कार्ड खेलना चाह रहे लेकिन न तो लालू प्रसाद और न ही उनकी बेटी राज्यसभा सांसद मीसा भारती ही श्याम के नाम पर सहमत हैं. पूर्व मंत्री आलोक मेहता भी अध्यक्ष पद की रेस में हैं लेकिन वे तेजस्वी की पसंद नहीं हैं. कई और नाम भी आरजेडी का प्रदेश अध्यक्ष बनने की रेस में हैं. अब देखने वाली बात ये है कि पार्टी में लालू प्रसाद की चलती है या तेजस्वी की. ये तभी साफ हो सकेगा जब पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का एलान होगा. लालू प्रसाद यादव की सेहत ठीक नहीं होने के कारण तेजस्वी यादव को आरजेडी का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है.