बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने विधानसभा में कड़े तेवर दिखाते हुए सदन नहीं चलने दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में बिगड़ती कानून-व्यवस्था के देखते हुए प्रतिपक्ष कार्य स्थगन प्रस्ताव पर बहस चाहता है. सीतामढ़ी में एक बुजुर्ग की हत्या कर शव जला दिया गया लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. तेजस्वी ने सदन के बाहर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार हमला बोला. तेजस्वी ने इस बात पर नाराजगी जताई कि विधानसभा में विपक्ष के कार्य स्थगन प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया.
तेजस्वी यादव ने सीतामढ़ी की घटना को लेकर सरकार से जवाब की मांग की. उन्होंने यह आरोप लगाया है कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से फेल हो गया है. उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी में जिस तरीके से एक बुजुर्ग अल्पसंख्यक की हत्या कर उसके शव को जलाया गया इसके पूरे प्रमाण मौजूद हैं, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
बता दें कि सीतामढ़ी की घटना 20 अक्टूबर की है जहां मूर्ति विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में भीड़ ने एक बुजुर्ग की पीट- पीटकर हत्या कर दी और उसके शव को वहीं जला दिया. इस दौरान प्रशासन के लोग भी वहां मौजूद थे. यही नहीं इस घटना को दबाने की भी कोशिश की गई. तेजस्वी यादव ने कहा कि ये सब सीतामढ़ी के प्रशासन के इशारे पर हुआ. इस दौरान हमें संविधान बचाओ न्याय यात्रा के लिए सीतामढ़ी जाना था लेकिन धारा 144 लगने के कारण हम वहां नहीं जा सके. मरने वाले की पहचान 68 वर्षीय जैनुल अंसारी के रूप में की गई है.
उन्होंने आरोप लगाया कि मामले को पूरी तरह से दबाने की कोशिश की गई. उस अल्पसंख्यक की हत्या में शामिल एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? अगर ऐसी वारदात होती हैं तो क्या हम लोग कार्य स्थगन प्रस्ताव लाकर सरकार से बहस ना करें? क्या हम सरकार से नहीं जान सकते कि आखिर ऐसी घटना क्यों हुई और ऐसी घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं? यह ऐसी घटना है कि इसमें मुख्यमंत्री को सामने आकर जवाब देना चाहिए था.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा परिसर में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए यह आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास सरकार के जो भी विभाग हैं उनसे जुड़ा कोई भी सवाल सदन के अंदर प्रश्नोत्तर काल में नहीं आ रहा. तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के विभागों से जुड़े सवालों को सदन के अंदर जानबूझकर सेंसर किया जा रहा है.