बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने के बावजूद सत्ता से दूर रह गए राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के तेजस्वी यादव फिर से जनता के बीच जाएंगे. तेजस्वी रैलियां कर जनता से सीधा संवाद करेंगे. इसके लिए वे मकर संक्रांति के बाद अब धन्यवाद यात्रा पर निकलेंगे. माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव की यह यात्रा 15 जनवरी से शुरू होगी.
आरजेडी सूत्रों के मुताबिक अपनी धन्यवाद यात्रा के दौरान तेजस्वी विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे और बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को सबसे बड़ा दल बनाने के लिए लोगों का शुक्रिया अदा करेंगे. इस दौरान सभी जिलों में तेजस्वी यादव की जनसभाएं भी होंगी. विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से ही तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर यह कहा है कि बिहार में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं.
माना जा रहा है कि इसको ध्यान रखते हुए ही तेजस्वी जनता के बीच जा रहे हैं. वे अपनी जनसभाओं में मध्यावधि चुनाव को लेकर भी जनता से संवाद कर सकते हैं. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने इसे लेकर कहा कि अरुणाचल प्रदेश की घटना के बाद जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी के बीच जो तल्खी आई है, उसकी वजह से सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि इस सरकार का गिरना तय है.
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वहीं, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने तेजस्वी यादव की धन्यवाद यात्रा को लेकर तंज करते हुए उन्हें 'प्रवासी नेता' बताया है. जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि प्रवासी नेता तेजस्वी यादव धन्यवाद यात्रा निकालने वाले हैं. तेजस्वी को धन्यवाद नहीं बल्कि माफी यात्रा निकालनी चाहिए. उन्होंने कहा कि तेजस्वी को जनता से जनादेश का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. चुनाव आयोग का अपमान करने के लिए माफी मांगी चाहिए. तेजस्वी को अगर किसी का धन्यवाद करना ही है तो चिराग पासवान का करना चाहिए, जिन्होंने चुनाव में वोट कटवा की भूमिका निभाई.
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार को 14 जनवरी तक बड़े चुनावी वादों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था. तेजस्वी ने यह भी कहा था कि सरकार बिहार के युवाओं को 20 लाख रोजगार के अवसर प्रदान करे. विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने साथ ही यह चेतावनी भी दी थी कि ऐसा नहीं होने पर वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे.