चारा घोटाले के दूसरे मामले में 3.5 साल की सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव सत्ता जाने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा से काफी खफा हैं. तेजस्वी का आरोप है कि उनके पिता को चारा घोटाले में नीतीश और बीजेपी ने मिलकर फंसा दिया है.
गौरतलब है कि सत्ता से बेदखल होने के बाद से ही लालू प्रसाद और उनके परिवार वालों ने नीतीश का नामकरण “पलटूराम” के तौर पर कर दिया है. अब तेजस्वी चाहते हैं कि राजनीति में पलटी मारने के लिए नीतीश कुमार को अवॉर्ड से भी नवाजा जाना चाहिए.
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राजनीति में शुचिता के लिए जम्मू में सोमवार को प्रथम मुफ्ती अवॉर्ड फॉर प्रोबिटी इन पॉलिटिक्स एंड पब्लिक लाइफ से सम्मानित किया गया. नीतीश को यह सम्मान जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल एन एन वोहरा द्वारा जम्मू विश्वविद्यालय के जनरल जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में दिया गया.
नीतीश को मिले इस सम्मान के बाद बिहार से आने वाले कई केंद्रीय मंत्री और नेताओं ने नीतीश को बधाई दी. नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड में भी इस अवॉर्ड को लेकर खुशी की लहर है, लेकिन तेजस्वी यादव नीतीश को मिले इस सम्मान से खफा हैं.
ट्विटर पर तंज कसते हुए नीतीश कुमार के लिए तेजस्वी यादव ने लिखा कि 'राजनीति में सबसे ज्यादा पलटी मारने का अवॉर्ड होता तो किसे मिलता?”. ट्विटर के जरिए तेजस्वी यादव ने सीधे-सीधे नीतीश कुमार पर हमला बोला. दरअसल, सत्ता से बेदखल होने के बाद लालू और उनके परिवार वाले लगातार नीतीश को पलटू राम कहकर संबोधित करते आ रहे हैं.
तेजस्वी का मानना है कि जिस तरीके से नीतीश कुमार ने 2013 में भाजपा से गठबंधन तोड़कर उसके बाद आरजेडी के साथ गठबंधन कर लिया और 2015 में सरकार बनाई और 20 महीने के बाद आरजेडी से गठबंधन तोड़कर फिर से भाजपा के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली, यह नीतीश के पलटूराम होने का सबूत है. राजनीति में सबसे ज्यादा पलटी मारने के लिए अगर किसी को अवॉर्ड मिलना चाहिए तो वह नीतीश को मिलना चाहिए.