कहते हैं कि मुश्किलें आती हैं तो चारों ओर से आती हैं. ऐसा ही कुछ इस समय राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के लिए कहा जा सकता है. बीजेपी के एक स्थानीय नेता चंदेश्वर भारती ने लालू यादव और 5 अन्य लोगों के खिलाफ हाजीपुर की एक कोर्ट में केस दर्ज किया है. भारती का कहना है कि लालू यादव के उकसाने पर आरजेडी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उनके घर के दरवाजे के बाहर बूढ़ी गाय को बांध दिया. भारती के मुताबिक उन्होंने विरोध किया तो उनके साथ मारपीट की गई.
बता दें कि बीती 4 मई को राजगीर में अपनी पार्टी के सम्मेलन में लालू यादव ने कार्यकर्ताओं का आह्वान किया था कि वो बूढ़ी और दूध ना देने वाली गायों को बीजेपी और आरएसएस नेताओं के घरों के बाहर बांध दें जिनसे कि गायों को लेकर उनके झूठे प्रेम को उजागर किया जा सके.
हाजीपुर कोर्ट ने भारती की ओर से दायर परिवाद को स्वीकार करते हुए इस मामले में अगली सुनवाई 19 मई को तय की है. भारती ने अपनी याचिका में लालू यादव को साजिशकर्ता बताते हुए आरोपी बनाया है. भारती के मुताबिक रात में जब वो घर पर बैठे थे तो एक बूढी गाय को आरजेडी समर्थक लेकर उनके दरवाजे पर आ गए और वहां बांधने की कोशिश करने लगे. जब मना किया तो गालीगलौज और मारपीट करने लगे.
लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि गाय को लेकर राजनीति बेशक बढ़चढ़ कर की जा रही हो लेकिन बताया जा रहा है कि जिस बूढ़ी गाय को भारती के दरवाजे पर बांधा गया, उसे उन्होंने भगा दिया. दरअसल कटहरा के आरजेडी कार्यकर्ता देव प्रसाद यादव ने अपनी बूढ़ी गाय को भारती के दरवाजे पर बांधा था. देव प्रसाद दोबारा उस गाय को अपने घर ले गए.
भारती जहां आरजेडी कार्यकर्ताओं पर दबंगई दिखाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं आरजेडी समर्थकों का कहना है इस प्रकरण से बीजेपी नेताओं के कथित गोसेवक होने की सच्चाई सामने आ गई है. देव प्रसाद यादव और आरजेडी कार्यकर्ता खुद को सच्चा गोसेवक बता रहे हैं.
देव प्रसाद ने लालू यादव को भी देश का सबसे बड़ा गोसेवक और गोपालक बताया. देव प्रसाद के मुताबिक जो गो सेवा और रक्षा के बड़े बड़े दावे करते थे वो बूढ़ी गाय को 10-12 घंटे भी नहीं रख सके और भगा दिया. अब उलटा हम पर ही केस कर दिया है.
हालांकि आरजेडी के कुछ कार्यकर्ता भारती को लालू यादव के खिलाफ दर्ज कराए गए आपराधिक मामले को वापस लेने के लिए समझाने की कोशिश करते भी दिखे. आरजेडी कार्यकर्ता संजय कुमार यादव का कहना था कि ये गांव का मामला है इसमें लालू यादव को नहीं जोड़ना चाहिए था.
बता दें कि चारा घोटाले में आपराधिक मुकदमा चलाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले ही लालू यादव की दिक्कतें बढ़ी हैं. अब हाजीपुर में दर्ज ये आपराधिक मामला भी सुर्खियों में बना हुआ है.