बिहार में 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के बंटवारे पर एनडीए में शुरू हुई कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में सहयोगी दलों के बीच शह-मात का खेल जारी है.
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी जहां बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए विपक्ष के नेताओं से मिल रहे हैं. वहीं, जेडीयू का साथ मिलने के बाद बीजेपी कुशवाहा को बहुत ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नजर नहीं आ रही है.
आरएलएसपी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बीजेपी आलाकमान अमित शाह से चार सीटों की मांग की थी, जिससे बीजेपी नेतृत्व ने साफ इनकार कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी उपेन्द्र कुशवाहा को दो सीटें देने पर राजी है, लेकिन इस पर वो सहमत नजर नहीं आ रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक बिहार में एनडीए के सहयोगी दल कितनी और किन सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, इसकी घोषणा अगले हफ्ते हो सकती है.माना जा रहा है कि उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी को इस घोषणा से बाहर रखा जाएगा, इस तरह से उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी का एनडीए से बाहर जाना लगभग तय हो गया है.
सूत्रों की मानें तो सीटों का समीकरण इस प्रकार होगा. बिहार की 40 में से 18 सीटों पर बीजेपी और 17 सीटों पर जेडीयू चुनाव लड़ेगी. एलजेपी को 5 लोकसभा सीटें दी जाएंगी. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को असम की राज्यसभा सीट से संसद भेजा जाएगा.
जेडीयू ने गठबंधन के समय ही बीजेपी नेतृत्व को साफ कर दिया था उनका गठबंधन बीजेपी और रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी के साथ हुआ है. बिहार में जब नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी तो जेडीयू, बीजेपी और रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी के नेता नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे.
जबकि उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी को नीतीश कुमार ने बिहार में एनडीए सरकार में शामिल नहीं किया था. इससे नीतीश कुमार ने कुशवाहा को लेकर जेडीयू की राय साफ़ कर दी थी.
बता दें कि तीन दिन पहले सीटों के बंटवारे को लेकर चिराग पासवान ने नीतीश कुमार और गुरुवार को बीजेपी के महासचिव और बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेन्द्र यादव से मुलाक़ात की थी और सीट बंटवारे पर चर्चा भी की थी. इधर नीतीश कुमार के खिलाफ उपेंद्र कुशवाहा की बयानबाजी से जेडीयू खफा है. जेडीयू ने इसकी शिकायत बीजेपी नेतृत्व से की है.
हालांकि कुशवाहा भी राजनीतिक चाल लगातार चल रहे हैं. पिछले दिनों आरजेडी नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी और हाल ही में उन्होंने जेडीयू के बागी नेता शरद यादव से मुलाकात की थी. इसे उन्होंने निजी मुलाकात बताया था.
कुशवाहा का विपक्ष नेताओं से मुलाकात करना बीजेपी और जेडीयू को रास नहीं आ रहा है. इतना ही नहीं कुशवाहा ने कहा था कि यदुवंशी का दूध और कुशवंशी का चावल मिल जाए तो उत्तम खीर बन सकती है.
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में रहकर चुनाव लड़ा था. उन्हें तीन सीटें मिली थी और तीनों सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि उनके एक सांसद उनका साथ छोड़ दिया है. इसके अलावा बिहार में दोनों विधायक भी जेडीयू में शामिल होने की खबरें आ रही हैं.