बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सरकार घिरती हुई नजर आई. शुक्रवार की बैठक 9 पूर्व सदस्यों की शोक संवेदना के साथ स्थगित कर दी गई लेकिन विधानसभा में उन 23 बच्चों को श्रद्धांजलि नहीं दी गई, जिनकी मौत मिड डे मील खाने से हुई थी.
छपरा में हुई इस घटना के बाद से सरकार लगातार हमले झेल रही है, लेकिन जिस समय सभा में 9 पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी जा रही थी, तब विपक्ष ने कहा भी कि उन बच्चों के लिए शोक प्रकट होना चाहिए जिनकी मौत हुई, लेकिन इसके बावजूद सदन में उन बच्चों को श्रद्धांजलि नही दी गई. विपक्ष ने सरकार को संवेदनहीन करार दिया है.
हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि यह घटना संयोग से या लापरवाही से घटित नहीं लग रही है. उन्होंने पीड़ित गांव के सर्वांगीण विकास कराने की भी घोषणा की. नीतीश ने जोर देकर कहा था कि अगर मीड डे मील कार्यक्रम चलाना है तो इसमें काफी बदलाव की आवश्यकता है. यह केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है, लेकिन यह समय एक-दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है. इस बीच बिहार के करीब तीन लाख शिक्षकों ने 25 जुलाई से मीड डे मील का बहिष्कार कर दिया है.