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मोतिहारी दुर्घटनाः सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान लेकिन प्रशासन का दावा- एक भी मौत नहीं हुई

मुजफ्फरपुर प्रशासन ने मृतकों के परिवार के लिए चार चार लाख रुपय मुआवजे का ऐलान किया था. मगर अब तक किसी भी परिवार का कोई व्यक्ति मुआवजा लेने के लिए उनके पास नहीं आया है.

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बिहार के मोतिहारी बस हादसे में लोगों की मौत को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. बिहार सरकार ने मुआवजे का ऐलान तो कर दिया लेकिन मौत के आंकड़ों पर चुप्पी साध ली. दरअसल मोतिहारी बस दुर्घटना मामले में प्रशासन ने एक भी मौत की पुष्टि नहीं की है.

जानकारी के मुताबिक मुजफ्फरपुर से जो बस खुली थी उसमें केवल 13 लोग सवार थे और दुर्घटना के बाद 8 लोग घायल हुए. उन्हें मोतिहारी के सदर अस्पताल में प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. जबकि पांच लोग अपनी जान बचाने में सफल रहे.

प्रशासन ने गुरुवार रात बस को खड्डे से निकाला और उसमें किसी भी आदमी का शव नहीं मिला. पहले यह जानकारी आ रही थी कि इस बस में 32 लोग मुजफ्फरपुर से सवार हुए थे और तकरीबन 22 लोगों की जलकर मौत हो गई.

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दरअसल इस बस में 32 लोगों ने ऑनलाइन टिकट बुक कराया था जिसमें से मुजफ्फरपुर से केवल 13 लोग चढ़े थे और अन्य लोगों को गोपालगंज और आगे के जगहों से चढ़ना था.

मुजफ्फरपुर प्रशासन ने मृतकों के परिवार के लिए चार चार लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया था. मगर अब तक किसी भी परिवार का कोई व्यक्ति मुआवजा लेने के लिए उनके पास नहीं आया है.

इस घटना को लेकर फिलहाल न तो मोतिहारी, न ही मुजफ्फरपुर में किसी प्रकार का प्रदर्शन हो रहा है. जो बस दुर्घटनाग्रस्त हुई है उसका नाम साहिल राज ट्रैवल्स है. बाद में बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव ने भी इस बात की पुष्टि कर दी कि इस हादसे में किसी की मौत नहीं हुई है, जबकि इससे पहले उन्होंने खुद ही 27 लोगों के मौत की बात कही थी.

मुजफ्फरपुर में मौजूद एक घायल विनोद कुमार ने बताया कि बस दुर्घटनाग्रस्त हुई और उसके बाद तकरीबन 8 लोग बस का शीशा तोड़कर सुरक्षित बाहर निकल आए. बस के व्यवस्थापक सरोज सिंह ने बताया है कि केवल 13 लोगों ने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी, जो मुजफ्फरपुर से बस में सवार थे.

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