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लालू के साले साधु यादव इस मामले में दोषी करार, जुर्माना भरने के बाद हुए बरी

लालू यादव के साले साधु यादव को आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन पर एक हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है जिसे साधु यादव की तरफ से कोर्ट में जमा करा दिया गया है. इसके बाद उन्हें इस केस में कोर्ट ने बरी कर दिया.

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साधु यादव आदर्श आचार संहित उल्लंघन मामले में दोषी करार
साधु यादव आदर्श आचार संहित उल्लंघन मामले में दोषी करार

बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू यादव के साले साधु यादव को कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. गोपालगंज के एमपी-एमएलए कोर्ट में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सुनवाई हुई जिसमें पूर्व सांसद अनिरुद्ध प्रसाद ऊर्फ साधु यादव को दोषी करार देते हुए एक हजार रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई. राशि जमा करने के बाद कोर्ट ने साधु यादव को इस केस से मुक्त कर दिया.

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गौरतलब है कि साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के साले पूर्व सासंद साधु यादव बसपा के प्रत्याशी थे. 

16 अक्टूबर 2020 को नामांकन दाखिल करने के लिए कलेक्टर ऑफिस में साधु यादव अपने 300 से 400 समर्थकों के साथ बिना अनुमति लिए पहुंच गए थे. इसी मामले को लेकर गोपालगंज के तत्कालीन अंचल अधिकारी विजय कुमार सिंह ने उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता का केस नगर थाने में दर्ज कराया था.

इसी मामले को लेकर स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट के जज मानवेंद्र मिश्र ने उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. उन्हें वहीं से जमानत भी मिल गई थी. आज दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने साधु यादव को दोषी ठहराते हुए एक हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई थी. राशि जमा करने के बाद साधु यादव को कोर्ट ने इस मामले में बरी कर दिया.

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वहीं इस मामले को लेकर अभियोजक आनंद कुमार शर्मा ने कहा कि कोर्ट में साधु यादव ने अपना दोष स्वीकार किया. इसके बाद आईपीसी की धारा 188 के तहत आदर्श आचार संहिता के मामले में साधु यादव को दोषी करार दिया गया. उन पर एक हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया गया था.

 

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