चारा घोटाले के दूसरे मामले में विशेष सीबीआई अदालत के द्वारा 3.5 साल की सजा के ऐलान के बाद आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर अब जदयू के हमले तेज हो गए हैं. सजा के ऐलान के बाद जदयू का मानना है कि अब बिहार की राजनीति में लालू परिवार कहीं भी नहीं दिखेगा और बिहार की सियासत लालू परिवार के हाथों से निकल गई है.
पार्टी का मानना है कि बिहार की गरीब जनता ने अपनी आंखों से सच्चाई को देख लिया है और समझ भी लिया है कि कैसे वर्षों तक लालू प्रसाद ने गरीब जनता को भ्रमित कर रखा था. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा है कि लालू के सजा के ऐलान के बाद आरजेडी नेताओं का पूरे राज्य में लालू के पक्ष में न्याय रथ निकालने का जो कार्यक्रम है, उसे रद्द करना चाहिए. अन्यथा गावों में जनता उन्हें खदेड़ देगी.
संजय सिंह ने कहा कि लालू के दोनों बेटे तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को पहले अपने पिता को बेल दिलाने की चिंता करनी चाहिए. क्योंकि अभी आगे बहुत बड़ी कानूनी लड़ाई है, जो परिवार को लड़ना है. संजय सिंह ने कहा कि लालू परिवार को अपना ज्यादा वक्त लालू पर चल रहे बाकी 3 चारा घोटाले के मुकदमों पर केंद्रित करना चाहिए, जिन पर फैसला जल्द आने वाला है.
सजा के ऐलान के बाद लालू प्रसाद ने जो बिहार की जनता के नाम खुला पत्र लिखा था, उसकी आलोचना करते हुए संजय सिंह ने कहा कि अब चिट्ठी से बिहार की जनता बरगलाने वाली नहीं है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की गरीब जनता को जिस तरीके से लालू परिवार ने लूटा है और अपने खजाने को भरने का काम किया है, इसके बाद अब राज्य की जनता लालू की चिट्ठी पढ़ने वाली नहीं है.
जदयू ने कहा कि बिहार की जनता अब विकास की इबारत करती है और अब लालू यादव के काला जादू के चक्कर में नहीं पड़ेगी.
एक और हमले में जदयू ने कहा कि जब-जब लालू प्रसाद जेल गए हैं, तब आरजेडी मजबूत इस वजह से हुई है, क्योंकि उसे नीतीश कुमार का साथ मिला था. संजय सिंह ने कहा कि आरजेडी नेताओं को नीतीश कुमार का एहसान मानना चाहिए कि 2015 में उनकी वजह से आरजेडी की सीटें बढ़ गईं.