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लालू प्रसाद को उनकी ही पार्टी से बाहर निकालने के प्रस्ताव पर लगी मुहर!

कार्यकर्ताओं ने लालू प्रसाद पर आरोप लगाते हुए कहा कि लालू प्रसाद ने ही एक सोची समझी साजिश के तहत शहाबुद्दीन की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिलवाकर रद्द करवाया.

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लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव

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आरजेडी से जुड़ी एक ऐसी खबर जिसे सुनकर आप ही नहीं कोई भी हैरान हो जाएगा. खबर ये कि अब आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद को ही आरजेडी से बाहर निकालने की तैयारी हो रही है. आरजेडी के पूर्व बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन को भले ही आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद का कट्टर समर्थक माना जाता हो, लेकिन अब शहाबुद्दीन के समर्थक ही लालू प्रसाद को पार्टी से बाहर निकालने का फैसला लिया है. भले ही ये खबर सुनकर आपको अपनी कानों पर यकीन न हुआ हो, लेकिन ये सोलह आना सच है. शहाबुद्दीन मुक्ति आंदोलन के नाम से गठित शहाबुद्दीन के समर्थकों की कमेटी ने गोपालगंज में एक आपात बैठक बुलाई और लालू प्रसाद को ही पार्टी से बाहर निकालने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी.

इस खबर को सुनकर तो यही लगता है कि आने वाले समय में लालू प्रसाद के चेहेते शहाबुद्दीन ही लालू प्रसाद के लिए मुसीबत खड़ा कर सकता है. शहाबुद्दीन मुक्ति आंदोलन नाम की कमेटी शहाबुद्दीन के समर्थकों ने बनाई है. शहाबुद्दीन मुक्ति आंदोलन की आपात बैठक में कार्यकर्ताओं ने लालू प्रसाद पर कई गंभीर आरोप लगाए. कार्यकर्ताओं ने लालू प्रसाद पर आरोप लगाते हुए कहा कि लालू प्रसाद ने ही एक सोची समझी साजिश के तहत शहाबुद्दीन की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिलवाकर रद्द करवाया. शहाबुद्दीन के दोबारा जेल जाने के लिए लालू प्रसाद ही पूरी तरह जिम्मेवार है.

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'शहाबुद्दीन की कुर्बानी को भुलाया गया'
शहाबुद्दीन मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ताओं के तेबर इस बैठक में काफी तल्ख थे. उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद के कारण पार्टी अपने पुराने जनाधार को खोती जा रही है और उनके ही कारण पार्टी की विश्वसनीयता में भी कमी आई है. बैठक में कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से लालू प्रसाद को पार्टी से बाहर निकालने का एक प्रस्ताव लाया गया, जिस पर सभी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर से अपनी सहमति व्यक्त की. साथ ही बैठक में ये भी कहा गया कि अगर पार्टी उनके प्रस्ताव पर अमल नहीं करती है तो आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ेगा. कार्यकर्ताओं ने कहा कि आरजेडी के लिए शहाबुद्दीन ने जो कुर्बानी दी है उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता, लेकिन लालू प्रसाद शहाबुद्दीन के साथ यूज एंड थ्रो की नीति अपना रहे हैं. इस बैठक में सैंकड़ों की संख्या में शहाबुद्दीन के समर्थक और शहाबुद्दीन मुक्ति आंदोलन के कार्यकर्ता मौजूद थे.

शहाबुद्दीन को जमानत पर हुआ हंगामा
विदित हो कि आरजेडी के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को 7 सितंबर को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वो 11 साल बाद खुली हवा में सांस ली थी. शहाबुद्दीन के बाहर आने से उनके समर्थकों में काफी खुशी देखी जा रही थी, लेकिन मात्र 20 दिनों के बाद ही शहाबुद्दीन को फिर से जेल जाना पड़ गया, जिससे शहाबुद्दीन के समर्थकों को गहरा झटका लगा. शहाबुद्दीन जेल से निकलने पर और जेल जाते वक्त बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला था. शहाबुद्दीन के जेल जाते ही उनके समर्थक सड़क पर उतर आए और सीवान में जमकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था. शहाबुद्दीन के जेल से निकलने पर सरकार की काफी किरकिरी हुई थी और सरकार पर यह आरोप लगा था कि सरकार की लापरवाही के कारण ही शहाबुद्दीन को जमानत मिली. तब बिहार सरकार ने शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट से मिली जमानत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत को रद्द कर दिया और शहाबुद्दीन दोबारा जेल चले गए.

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