कांग्रेस के बागी उम्मीदवार शकील अहमद और बेनीपट्टी की विधायक भावना झा को पार्टी-विरोधी गतिविधियों के कारण रविवार को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. अहमद ने मधुबनी लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. सूत्रों के मुताबिक महागठबंधन उम्मीदवार के खिलाफ बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद पार्टी ने यह फैसला लिया. कांग्रेस की 6 सदस्यों वाली राष्ट्रीय अनुशासन समिति के सचिव मोतीलाल वोहरा ने रविवार को निष्कासन पत्र जारी किया.महागठबंधन के फॉर्म्युले के तहत मधुबनी सीट विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के खाते में आई है.
शकील अहमद ने पार्टी के फैसले के खिलाफ जाकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनावी रण में उतरने का फैसला किया था. उन्होंने मधुबनी में शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी. इसमें उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किया. लेकिन चुनाव करीब आते ही वह सर्वदलीय उम्मीदवार बन गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बेनीपट्टी की विधायक भावना झा का चुनाव प्रचार में सहयोग देने के लिए धन्यवाद भी दिया. इसमें अहमद ने यह बताने की कोशिश की कि उन्हें गैर भाजपाई दलों के अलावा कांग्रेस का भी समर्थन मिल रहा है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद महागठबंधन के नेताओं ने कांग्रेस चीफ राहुल गांधी से शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने पार्टी की अनुशासन समिति की बैठक बुलाई और अहमद के खिलाफ एक्शन लेने का आदेश दिया. महागठबंधन ने इस सीट से पूर्व आरजेडी नेता बद्रीनाथ पूर्वे को उतारा है जबकि एनडीए ने सांसद हुकुम देव नारायण यादव के बेटे अशोक यादव को टिकट दिया है.
शकील अहमद मधुबनी लोकसभा सीट से साल 1998 और 2004 में सांसद रह चुके हैं. वह 1985, 1990 और 2000 में विधायक भी थे. अहमद राबड़ी देवी की अगुआई वाली बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. इसके बाद उन्होंने 2004 में मनमोहन सिंह सरकार में संचार, आईटी और गृह राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला.