नीतीश कुमार से नाराज शरद यादव को लालू यादव ने न्योता दिया है. उन्होंने ट्वीट किया, 'गरीब, वंचित और उपेक्षित जमात के हकूक की खातिर हम वैचारिक रूप से साथ सभी सहयोगियों को लेकर खेत-खलिहान से लेकर सड़क व संसद तक संघर्ष करेंगे. हमने और शरद यादव ने साथ लाठी खाई हैं. संघर्ष किया है. आज देश को फिर संघर्ष की जरूरत है. शोषित और उत्पीड़ित वर्गों के लिए हमें लड़ना होगा. गरीब, वंचित और किसान को संकट/आपदा से निकालने के लिए हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे.
नीतीश कुमार, क़फ़न में जेब नहीं होती लेकिन कुकर्मों का दाग़ ज़रूर होता है। जनता और मालिक सबके सब कर्मों का लेखा-जोखा रखते है। धीरज रखिए
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 27, 2017
लालू ने कहा, 'शरद भाई,आइए सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करें. नीतीश कुमार, कफन में जेब नहीं होती, लेकिन कुकर्मों का दाग जरूर होता है. जनता और मालिक सबके सब कर्मों का लेखा-जोखा रखते है. धीरज रखिए.' बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से जनता दल यूनाइटेड (JDU) में शुरू हुई बगावत के बीच लालू का यह ट्वीट आया है. शनिवार को नीतीश कैबिनेट के 27 मंत्रियों ने शपथ ली, लेकिन शरद यादव शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने नहीं पहुंचे.
हमने और शरद यादव जी ने साथ लाठी खाई है, संघर्ष किया है।आज देश को फिर संघर्ष की ज़रूरत है। शोषित और उत्पीडित वर्गों के लिए हमें लड़ना होगा।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 29, 2017
इससे पहले नीतीश कुमार महागठबंधन तोड़कर छठीं बार बिहार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और विधानसभा में बहुमत भी साबित कर दिया. हालांकि जेडीयू के सहसंस्थापक एवं वरिष्ठ नेता शरद यादव के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं पहुंचने से तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं. इससे पहले वह नीतीश के शपथ समारोह में भी नहीं पहुंचे थे.
इसके अलावा राजद सुप्रीमो लालू यादव ने एक टीवी चैनल से बातचीत में दावा किया है कि शरद यादव उनकी पार्टी आरजेडी के साथ हैं. उन्होंने कहा, 'शरद यादव ने मुझसे बात की है. वह हमारे संपर्क में हैं. हालांकि अभी शरद यादव इस मसले पर कुछ भी कहने की बजाय चुप्पी साधे हुए हैं. नीतीश कुमार के बीजेपी से हाथ मिलाकर महागठबंधन तोड़ने के फैसले पर अब तक शरद यादव ने कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.
ग़रीब,वंचित और किसान को संकट/आपदा से निकालने के लिये हम नया आंदोलन खड़ा करेंगे।शरद भाई,आइये सभी मिलकर दक्षिणपंथी तानाशाही को नेस्तनाबूद करे
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) July 29, 2017
बताया जा रहा है कि शरद यादव नीतीश के इस फैसले से खुश नहीं हैं. हाल ही में 18 विपक्षी दलों की हुई बैठक में नीतीश की जगह हिस्सा लेने वाले शरद यादव ने आश्वस्त किया था कि उनकी पार्टी जेडीयू, बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी.
इसके अलावा बिहार में नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ सरकार बनाते ही अटकलें तेज हो गईं कि जेडीयू के शरद यादव केंद्र सरकार में मंत्री बन सकते हैं, लेकिन इसी बीच यादव ने दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. इसके साथ ही बीजेपी के साथ गठबंधन के फैसले से नाराज जेडीयू सांसद भी शरद यादव से मिले. इनमें वरिष्ठ सांसद अली अलवर और वीरेंद्र कुमार के अलावा पार्टी महासचिव अरुण सिन्हा और जावेद रजा भी शामिल रहे.