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जेडीयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जेडीयू का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता को रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि दोनों नेता पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं.

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शरद यादव और अली अनवर (फाइल फोटो)
शरद यादव और अली अनवर (फाइल फोटो)

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जेडीयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता को लेकर आखिरकार आज संशय की स्थिति खत्म हो गई. राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने दोनों सदस्यों की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने का फरमान सुना दिया है.

इस बात की जानकारी जेडीयू के राज्यसभा में नेता आरसीपी सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर दी. आरसीपी सिंह ने Facebook पर लिखा कि जेडीयू के लिए यह बहुत बड़ी जीत है. इसके लिए उन्होंने नीतीश कुमार को बधाई भी दी.

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले जेडीयू का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात कर शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता को रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि दोनों नेता पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं और इसी वजह से उन दोनों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. जेडीयू के इस मांग पर सुनवाई करने के बाद सोमवार को वेंकैया नायडू ने अपना फैसला सुनाया और दोनों नेताओं की राज्यसभा सदस्यता रद्द कर दी.

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दरअसल पिछले कुछ वक्त से शरद यादव और अली अनवर ने पार्टी के खिलाफ बागी तेवर दिखाए थे. जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भाजपा के साथ नई सरकार बनाई तब से ही शरद यादव और अली अनवर ने नीतीश के फैसले को पूरी तरह से गलत बताया था और कहा था कि बिहार में महागठबंधन जारी रहेगा. नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के खिलाफ पिछले कुछ वक्त से शरद यादव बिहार का दौरा कर रहे हैं और जन समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं.

इसी दौरान शरद यादव गुट ने दो बार चुनाव आयोग में भी अर्जी दायर की और अपने गुट को असली जेडीयू के रूप में मान्यता देने की मांग की लेकिन दोनों ही बार चुनाव आयोग ने शरद यादव गुट की मांग को ठुकरा दिया और नीतीश कुमार गुट को ही असली जेडीयू के रूप में मान्यता बरकरार रखी.

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